अम्लवेत (Common Soral)
प्रचलित नाम- अम्लवेल, वेत, चुक्र ।
उपयोगी अंग- फल।
परिचय- अम्लवेत के वृक्ष फल के लिए बागों में उगाए जाते हैं। अम्लवेत के फल को गुजराती में अम्लवेल भी कहते हैं। इसकी बड़ जैसी पत्तियां बड़ी चौड़ी होती हैं।
रंग- अम्लवेत के कच्चे फल का रंग हरा तथा पके फल का रंग पीला होता है। पुष्प का रंग सफेद होता है।
स्वाद- अम्लवेत का स्वाद खट्टा होता है।
परिचय- अम्लवेत के वृक्ष मध्यम आकार के और दो प्रकार के होते हैं–एक अम्लवेत, और दूसरा बेती। इसको माली लोग बागों में लगाते हैं। इसका फल खरबूजे की तरह होता है।
स्वभाव- अम्लवेत रूखा तथा गर्म प्रकृति का होता है।
नोट- अम्लवेत पित्तकारक होता है; यह हानिकारक भी हो सकता है।
उपयोगिता एवं औषधीय गुण
अम्लवेल अधिक खट्टा, मलभेदक (मल को खुलकर लाने वाला), हल्का अग्निदीपक (भूख को बढ़ाने वाला), आनन्द देने वाला, बकरी के मांस और सूई को गलाने वाला है। यह प्लीहा (तिल्ली) के लिए लाभकारी, दिल के रोग, गांठें, सांस खांसी उल्टी तथा वात सम्बन्धी रोगों को समाप्त करता है।
प्रयोग- अम्लवेत नाशपाती की तरह होता है, किन्तु नाशपाती की अपेक्षा तिगुना चौड़ा रहता है। जैसे आम को सुखाकर अमचूर बनाते हैं, उसी प्रकार से कुछ प्रदेशों में इसको सुखाकर खटाई भी बनाते हैं। यह बहुत अधिक खट्टा होता है।
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