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कलौंजी (Black Cumin) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण

कलौंजी (Black Cumin) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण
कलौंजी (Black Cumin) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण

कलौंजी (Black Cumin)

प्रचलित नाम – कलौंजी, काला जाजी ।

उपयोगी अंग- बीज।

परिचय – यह एक छोटा क्षुप है। इसके पत्ते लम्बे तथा बहु विभाजित होते हैं। पुष्प नीलवर्णी। बीज त्रिकोणक, गहरे काले रंग के, लेकिन अंदर से सफेद तथा सुगंधित होते हैं।

स्वाद – मसालेदार, सुगंधित ।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

सुगंधित, वातानुलोमक, दीपन, पाचन, स्वेदजनन, कृमिघ्न है।

अग्निमांद्य, कुपचन, चर्मरोग, हाथ-पांव की सूजन को कम कर दर्द दूर करता है।

औरतों के कष्टार्त्तव एवं नष्टार्त्तव में उपयोगी रहता है। विषम ज्वर में तथा सूतिका ज्वर में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसका प्रयोग चित्रक मूल के साथ करने से भूख बढ़कर पाचन क्रिया सही होती है, गर्भाशय शुद्ध होता है एवं माता के दूध में वृद्धि होती है। इसका प्रयोग मट्ठे के साथ करने से हिचकी में फायदा होता है।

हाथ-पांव की सूजन पर इसका लेप करने से फायदा होता है। चर्मरोग में इसमें सिद्ध तेल का प्रयोग करने से फायदा होता है। अजीर्ण तथा उदरशूल में कलौंजी का क्वाथ बनाकर उसमें काला नमक मिलाकर सेवन से फायदा होता है।

मात्रा- आधा से एक माशा।

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