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काठ आँवला (Momardica Cochinchincusis) के फायदे एंव औषधीय गुण

काठ आँवला (Momardica Cochinchincusis) के फायदे एंव औषधीय गुण
काठ आँवला (Momardica Cochinchincusis) के फायदे एंव औषधीय गुण

काठ आँवला (Momardica Cochinchincusis)

प्रचलित नाम- कंकरोल, काठ आँवला, गंगेरूआ, गुलकाकरा ।

उपलब्ध स्थान– यह पूरे भारतवर्ष में पायी जाती है।

परिचय- यह एक मजबूत गाँठदार झाड़ होती है। पत्ते बड़े, चौड़े और कटे हुए, तीखी, नोक वाले तथा मुलायम होते हैं।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

यह ग्राही, गरम, क्षुधावर्द्धक, पित्तकारक एवं कसैला होता है। कच्चा फल खट्टा व पका कसैला लगता है।

1. इसके बीज खांसी तथा सीने की शिकायतों में लाभकारी होते है। ये गर्भाशय को उत्तेजना देते हैं।

2. इसके बीज खांसी तथा सीने की तकलीफों में लाभकारी माने गये हैं। इनको पीसकर एक गरम पदार्थ तैयार किया जाता है; जो कि बंगाल में ‘जाल’ के नाम से विख्यात है। इस औषधि को गरम घी के साथ मिलाकर प्रसव के पश्चात् स्त्रियों को दिया जाता है।

3. इसकी जड़ें आमवात तथा छोटे अंगों की सूजन पर दी जाती हैं। इसके बीज फोड़े, नासूर और गांठों के रोग में लाभकारी माने जाते हैं। ये फोड़े को पकाकर रोगी को राहत देते हैं। जड़ों को धोकर गरम जल में उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो उतारकर ठण्डा कर के छान । इस रूप में यह क्वाथ तैयार हो गया। नासूर और घावों में इस क्वाथ सुबह, दोपहर, शाम पीने से रोग में जल्दी ही फायदा होता है। रोगग्रस्त स्थान पर इसकी जड़ों को पत्थर पर घिसकर लेप की तरह लगाएं।

4. इसके बीज मृदु विरेचक समझे जाते हैं। ये अबुर्द और फोड़ों के इलाज में प्रयोग में लिये जाते हैं। यकृत और तिल्ली की पीड़ा में भी यह लाभकारी है।

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