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बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Hair Fall in Hindi)

बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय
बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय

बालों को झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Hair Fall)

बाल प्रत्येक इन्सान के झड़ते हैं, यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। बाल अपनी पूरी लम्बाई तक बढ़ जाने के बाद झड़ जाते हैं, उनकी जगह नए बाल उग आते हैं लेकिन यदि बहुत अधिक बाल झड़ें तो यह अवश्य ही एक समस्या है।

निश्चित अवधि के बाद प्रत्येक बाल की वृद्धि स्वतः रुक जाती है। मनुष्य की शारीरिक स्थिति के अनुसार केश ग्रंथि का निम्न भाग जब अभिशोषित हो जाता है तो पुराना बाल, रोम कूप से अलग हो जाता है। इसी रोमकूप से अलग हो जाने की क्रिया को ‘बालों का गिरना’ कहा जाता है तत्पश्चात् उसकी जगह नया बाल निकल आता है।

सामान्यतया एक महीने में बालों की लंबाई एक सेंटीमीटर बढ़ती है। प्रतिदिन 100 बाल तक गिरना सामान्य माना जाता है क्योंकि सिर की उतने बालों को उगाने की क्षमता होती है और सामान्यतया बालों का एक चक्र होता है जिसके अनुसार हर बाल को 3-4 साल के अन्दर-अन्दर गिरना होता है और नये बालों का निर्माण होता रहता है। प्राय: बहुतायत में चिकित्सक लौह तत्त्व के कैप्शूल और विटामिन की गोलियाँ बाल गिरने पर देते रहते हैं, जो जरूरी नहीं हैं। 100 से अधिक बाल नित्य गिरने पर चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये ।

बालों के टूटने के मुख्य कारण हैं- खून की कमी, बालों की जड़ों में किसी रोग का होना, गरमी आदि की बीमारी, रूसी, बालों का पोषण रुक जाने अथवा धूप में हमेशा खुले सिर रहना।

आनुवंशिक कारण, जैसे—माँ के बाल कम उम्र में गिरते रहे हों तो बेटी के भी कम उम्र में ही बाल गिरने शुरू हो जाते हैं।

सिर में सफेद दाग की बीमारी (ल्यूकोडर्मा) होने से ।

कैंसर के इलाज की दवाइयों के सेवन के बाद क्योंकि जिन महिलाओं में स्तन या गर्भाशय का कैंसर होता है और वे गोलियाँ या कैंसर के इलाज के इंजेक्शन का प्रयोग करती हैं, उससे भी बाल झड़ जाते हैं।

ग्रीवा की अग्र सतह पर एक ग्रंथि होती है जिसे थाइराइड ग्लेंड के नाम से जाना जाता है। इसमें से निकलने वाला स्राव शरीर की रासायनिक क्रिया को ठीक रखने में सहायक है। इसके द्वारा मनुष्य की ‘सम्यक् वृद्धि’ एवं संपुष्टि निश्चित होती है। इस ग्रंथि से होने वाला स्राव यदि असंतुलित होता है तो उसका बालों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अधिक मात्रा में ग्रंथि के सावित होने पर बाल अपेक्षाकृत अधिक महीन और मुलायम बन जाते हैं। इसी प्रकार कम स्रावित होने पर बाल मोटे एवं रुक्ष होते हैं। दोनों स्थितियों में बालों का कमजोर होकर झड़ना संभव हो सकता है। अत: उक्त ग्रंथि का नियमित स्रावित होना न केवल बालों के लिए वरन मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त है।

बालों की उचित सफाई नहीं होने तथा कृमि एवं फंगस के कारण सिर में कई बार फुंसी, फोड़े, एग्जिमा, दाद, खाज-खुजली इत्यादि हो जाते हैं। इनके कारण भी बालों के रोम कूप नष्ट होने लगते हैं तथा बालों का झड़ना-गिरना प्रारंभ हो जाता है। इसके अतिरिक्त मानसिक तनाव भी इसके लिए उत्तरदायी है।

बहुत-से रोगों के हो जाने के बाद भी बाल स्वाभाविक रूप से झड़ने लगते हैं। काला आजार ज्वर में रोगी के बाल रूखें एवं निस्तेज हो जाते हैं तथा झड़ने लगते हैं। पर जैसे-जैसे ज्वर ठीक होने लगता है बालों का झड़ना स्वतः रुक जाता है। तत्पश्चात् गिरे बालों के स्थान पर नए बाल उगने लगते हैं। इसी तरह किसी पुरानी बीमारी या टाइफाइड आदि के बाद बालों का झड़ना प्रारंभ हो जाता है। इसका मुख्य कारण इन बीमारियों के कारण अन्य अंगों की तरह रोम कूपों में भी कमजोरी का आ जाना है। प्रारंभ में ये बाल झड़ते हैं मगर जैसे-जैसे व्यक्ति में शक्ति का नव-संचार होता है वैसे-वैसे रोमकूप भी सुदृढ़ होने लगते हैं। इस कारण बालों के नष्ट हुए स्थानों पर पुनः नए बाल आने शुरू हो जाते हैं। अतः इन बीमारियों के बाद बालों के लिए चिन्तित होने के स्थान पर शारीरिक संपुष्टता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

बहुत अधिक बाल झड़ने का कारण टाइफाइड जैसी लंबी बीमारी, गर्भावस्था, औषधियों की प्रतिक्रिया, बहुत अधिक सुगन्धित तेलों का प्रयोग, सस्ते और घटिया शैम्पू का प्रयोग, सन्तुलित भोजन में कमी आदि को माना जाता है।

बालों के झड़ने का एक कारण भोजन में पोषक तत्त्वों की कमी भी होती है इसके लिए आवश्यक है कि भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जाए। चना, सोयाबीन, राजमा आदि में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। दूध से बनी चीजों का इस्तेमाल भी लाभकारी सिद्ध होता है।

हमारे शरीर की त्वचा में चिकनाई बनाने वाली ग्रन्थियाँ होती हैं जो अपनी चिकनाई से बालों का पोषण करती हैं और इससे बाल कोमल रहते हैं तथा बढ़ते हैं। बालों का पोषण रक्त संचार द्वारा भी होता है। यदि खून का दौरा ठीक प्रकार से होता रहे तो बाल शीघ्र बढ़ते हैं और कोमल तथा चमकदार रहते हैं। यदि इन दोनों ही में कोई खराबी पैदा हो जाय तो बाल झड़ने लगते हैं।

तेल- बालों को स्वस्थ और सुन्दर बनाए रखने के लिए बालों में तेल डालना आवश्यक है। आजकल लोग अक्सर बालों को रूखा रखते हैं। बालों को रूखा रखने से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं। तेल डालने के साथ ही आवश्यक है कि बालों में हेयर ब्रश से कुछ तेजी से ब्रश किया जाए, इससे बालों का व्यायाम होता है। खोपड़ी में रक्त का संचार बढ़ता है जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों का झड़ना कम हो जाता है।

सर्वप्रथम किसी अच्छे तेल जैसे नारियल, या बादाम रोगन की धीरे-धीरे अपने बालों में मालिश कीजिए। अँगुली की पोरों से रगड़ें। सुगन्धित तेलों के प्रयोग से यथासंभव बचना चाहिए, इससे बाल कमजोर पड़ जाते हैं और समय से पहले ही सफेद हो जाते हैं।

भाप- बालों को भाप देने से बाल रेशम की तरह नरम एवं स्वस्थ रहते हैं। झड़ना बन्द होता है। एक भगौने में गर्म पानी लें और एक तौलिया इसमें भिगोकर हल्का-सा निचोड़ कर सिर पर लपेटें। ठंडा होने पर दूसरा तौलिया भिगो कर लपेटें। इस तरह दस मिनट भाप दें। भाप देने से एक दिन पहले सिर में तेल लगायें।

स्नान-अधिक बाल गिरने की अवस्था में सिर जल्दी-जल्दी धोना चाहिये बाल धोने के बाद जहाँ तक संभव हो गीले बालों को कंघी न करें, क्योंकि गीले बाल कमजोर होते हैं और आसानी से जल्दी टूट सकते हैं इसलिए बालों को कुछ देर तक सूखने दें और फिर कंघी करें। बालों को सुखाने के लिये रोजाना हेयर ड्रायर का प्रयोग न करें क्योंकि उससे बाल की तह कमजोर पड़ जाती है। हेयर ड्रायर उपकरण को बालों से 6-8 इंच की दूरी पर रखें। अधिक समय तक हेयर स्प्रे बालों में न रहने दें, क्योंकि इसमें कई हानिकारक रसायन होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुँचाते हैं।

चाय – सिर धोने के बाद अन्त में चाय के पानी (बिना चीनी और दूध का) से सिर धोने से बालों में चमक आ जाती है और वे कम टूटते हैं।

नीम- सिर के बाल गिरना आरम्भ ही हुआ हो तो नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबाल कर बालों को धोयें। बाल गिरना बन्द हो जायेगा। बाल काले ही रहेंगे और लम्बे भी होंगे। इससे जुएँ भी मर जाती हैं। सावधानी रखें कि सिर धोते समय यह पानी आँखों में न जाये। सिर धोते समय आँखें बन्द रखें।

नीबू – (1) नीबू के रस की सिर में मालिश करके सिर धोने से बाल गिरना दूर हो जाता है। (2) एक गिलास पानी में दो चम्मच चाय डाल कर उबालें और फिर उसे ठंडा होने दें। ठंडा होने पर छान कर इसमें नीबू निचोड़ें। बालों को भली प्रकार साफ करके धोने के बाद अन्त में इस पानी से बाल धोयें। फिर साफ पानी से धोयें। इस प्रकार बाल धोने से बाल चमकदार, रेशम की तरह मुलायम हो जायेंगे और गिरना रुक जायेगा।

आँवला- सूखे आँवले को रात में भिगो दें। प्रातः इस पानी से सिर धोयें। इससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं, बालों की प्राकृतिक सुन्दरता बढ़ती है। मस्तिष्क व नेत्रों को लाभ पहुँचता है।

नारियल– नारियल का तेल सिर में लगाने से बाल गिरना बन्द होकर लम्बे होते हैं।

ककड़ी- ककड़ी के रस से बाल घने होते हैं। के साथ पीस कर लेप करने से बाल गिरना बन्द हो जाते

चुकन्दर- चुकन्दर के पत्ते मेहँदी हैं। तेजी से बढ़ते और उगते भी हैं।

करम कल्ला–पत्ता गोभी के 50 ग्राम पत्ते नित्य एक माह खाने से गिरे हुए बाल उग जाते हैं।

ककड़ी- ककड़ी में सिलिकन (Silicon) और सल्फर अधिक मात्रा में मिलते हैं। यह केशों को बढ़ाते हैं। ककड़ी, गाजर और सलाद (Lettuce) और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि ये सब उपलब्ध न हों तो जो उपलब्ध हों, वे ही मिलाकर रस बना लें।

गेहूँ—गेहूँ के पौधों का रस नित्य एक कप चालीस दिन पीने से बाल गिरना बन्द हो जाते हैं।

चोलाई-बाल गिरने पर चोलाई की सब्जी लाभदायक है।

तुलसी–कम आयु में बाल गिरते हों, सफेद हो गयें हों तो तुलसी के पत्ते और आँवले का चूर्ण पानी में मिलाकर सिर में मलें। दस मिनट बाद सिर धोयें। बाल गिरना बन्द हो जायेगा। बाल काले ही रहेंगे और लम्बे भी होंगे। इससे जुएँ भी मर जाती हैं।

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