मुंहासे हटाने के घरेलू उपाय (Acnes, Pimples), मुख-सौन्दर्य
अधिकतर युवावस्था में चेहरे पर छोटी-छोटी फुन्सियाँ निकलती हैं। इससे चेहरा बदसूरत हो जाता है। इसे मुँहासे, कीलें कहते हैं।
मुँहासे हारमोनों की गड़बड़ी, पेट की खराबी, चर्म की सफाई में कमी से होते हैं। मुँहासे तैलीय त्वचा पर निकलते है। अतः चेहरे पर चिकनाई युक्त क्रीम, तेल नहीं लगाना चाहिए।
मुँहासों को से फोड़ने से निशान बन जाते हैं। चिकित्सा-काल में पेट साफ रहे, कब्ज न हो तो शीघ्र लाभ होता है।
मुँहासों का सम्बन्ध खाने-पीने की गलत आदतों से भी है, जैसे—अनियमित भोजन, अपर्याप्त भोजन, स्टार्चयुक्त भोजन या फिर चीनी या तैलीय खाद्य पदार्थों की अधिकता। अगर पेट अपना काम सुचारु रूप से नहीं करता है तो बेकार चीजें जो जितनी जल्दी बाहर आ जानी चाहिएँ, उतनी जल्दी बाहर नहीं आतीं और रक्त में जहरीले पदार्थ फैल जाते हैं। अतिरिक्त प्रयास के रूप में त्वचा का एक प्रयास यह भी रहता है कि वह बेकार पदार्थों को शरीर के बाहर निकाले और जब यह क्रिया अवरुद्ध हो जाती है, तो ऐसी स्थिति का परिणाम है—मुँहासे ।
मुँहासों के अन्य कारण
अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, शराब, तंबाकू, मानसिक तनाव, मासिक धर्म की खराबी।
मुँहासे दूर करने के लिए प्रारंभ में एक सप्ताह फलों का सेवन करना चाहिए। इस दौरान दिन में तीन बार भोजन करना चाहिए। भोजन के रूप में सेब व अंगूर, अनन्नास, अनार इत्यादि मौसम के फल खाना चाहिए। केला, सायट्रिक अम्ल वाले फल, टिनबंद फल इत्यादि का सेवन वर्जित है। पानी में नीबू डालकर (चीनी नहीं) या फिर सादा पानी (गरम या ठंडा) पीना चाहिए। इस बीच कम-से-कम दो बार गरम पानी पीना चाहिए।
एक सप्ताह बाद, मरीज को संतुलित भोजन करना चाहिए। प्रत्येक महीने तीन दिनों तक सिर्फ फलों का ही भोजन करना चाहिए।
भोजन जिनमें स्टार्च, प्रोटीन या वसा की अधिकता हो, उनसे बचना चाहिये। साथ-ही साथ माँस, चीनी, कड़क चाय या कॉफी, अचार, रिफाइंड, प्रोसेस्ड भोजन, साफ्ट ड्रिंक्स, आइस क्रीम, सफेद चीनी और मैदा से बनी चीजें नहीं खानी चाहिये।
मुँहासों से बचाव
(1) सिर में जमने वाली रूसी से मुँहासे होते हैं। अत: रूसी हो तो इसे ठीक कराएँ। चेहरे को साफ रखें। (2) फलों का रस व सब्जी अधिक सेवन करें। (3) कब्ज़ नहीं रहने दें तथा नियमित व्यायाम करें। (4) कम-से-कम दस गिलास पानी नित्य पीएँ। (5) सकारात्मक सोचें और चिन्ता तथा तनाव से मुक्त रहें। (6) मेकअप से चेहरे को न बँकें।
मुँहासों के उपचार के लिए—दो विटामिन निआसिन और विटामिन ‘ए’ का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया है। कील मुँहासों के दाग नहीं हों और पुराने दागों को मिटाने के लिए विटामिन ‘इ’ का सेवन आवश्यक है।
जहाँ तक स्थानीय चिकित्सा की बात है सर्वप्रथम त्वचा के छिद्रों को खोलने के लिए, गरम पानी से त्वचा को पोंछना चाहिए तथा बाद में ठंडे पानी से। धूप और वायु स्नान से विशेष फायदा होता है। नीबू के रस से, प्रभावित क्षेत्रों को साफ करने से विशेष फायदा देखा गया है।
मुल्तानी- कील-मुँहासों से पीड़ित लोग 250 ग्राम मुल्तानी मिट्टी, इतना ही चन्दन पाउडर व 50 ग्राम पिसी हुई हल्दी मिला लें। इसकी तीन चम्मच का पेस्ट तैयार कर उपयोग करें। इससे न केवल कील-मुँहासे ही साफ होंगे, बल्कि चेहरे का रंग भी साफ हो जायेगा।
पोदीना- यदि चेहरा दाग, मुँहासों से बिगड़ गया है तो रोजाना पोदीने की चटनी का लेप करें। एक माह में चेहरा सुन्दर हो जायेगा ।
छाछ- बेसन को छाछ में गौद कर चेहरे पर लेप करें। मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
काली मिर्च- बीस काली मिर्चे गुलाब जल में पीस कर रात को चेहरे पर लगायें और प्रातः गर्म पानी से धोयें। इससे कील, मुँहासें, झुर्रियाँ साफ होकर चेहरा चमकने लगता है।
टमाटर- मुलतानी मिट्टी पीस कर टमाटर के रस में गोंद कर पेस्ट बना लें। चेहरे पर इसका लेप कर तीस मिनट रहने दें। इसके बाद गर्म पानी से धोयें। टमाटर का रस एक गिलास नित्य पीयें। मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
नीम- नीम त्वचा के तेल को निकालता है। चेहरे को नीम के साबुन से धोयें। नीम के पत्ते उबाल कर इस पानी से भी चेहरा धो सकते हैं। त्वचा तैलीय नहीं होने से मुँहासे निकलना कम होते हैं।
बादाम-(1) चेहरे पर, विशेष कर आँखों के आस-पास बादाम का तेल मलें। इससे चेहरे पर झुर्रियाँ नहीं पड़ेंगी। (2) दो बादाम पीस कर आधा चम्मच शहद और दो चम्मच हल्के गर्म दूध में मिला कर चेहरे व हाथों पर मलें। बीस मिनट बाद धोयें। त्वचा कोमल रहेगी।
नारंगी– नारंगी के सूखे छिलके पानी में पीस कर चेहरे पर मलने से मुँहासे दूर हो जाते हैं।
नीबू – (1) गर्म दूध पर जमने वाली मलाई एक चम्मच पर नीबू निचोड़कर चेहरे पर मलने से मुँहासे मिट जाते हैं। (2) नीबू के रस को चार गुनी ग्लिसरीन में मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से कील, मुँहासे मिट जाते हैं, चेहरा सुन्दर निकल आता है। सारे शरीर पर रगड़ने से त्वचा कोमल और चिकनी हो जाती है।
राई—3 चम्मच राई रात को पानी में भिगो दें। पानी कम और इतना ही डालें कि राई उसे सोख लें। प्रात: इसे पीस कर चेहरे पर लेप करें। 20 मिनट बाद धोयें। कील-मुँहासे मिट जायेंगे।
मसूर की दाल- मसूर की दाल इतने पानी में भिगोयें कि वह भीगकर उस पानी को सोख लें। फिर उसे पीसकर दूध में मिलाकर सुबह-शाम दो बार चेहरे पर लगायें, मलें। रात को सोते समय जायफल और काली मिर्च-दोनों कच्चे दूध में पीसकर चेहरे पर लगायें। में
अजवाइन – 30 ग्राम अजवाइन बारीक पीसकर 25 ग्राम दही में मिला कर फिर पीस कर रात को मुँहासों पर लगायें। प्रातः गरम पानी से चेहरा धोयें। मुँहासे मिट जायेंगे।
तुलसी—तुलसी के पत्तों का रस और नीबू का रस समान मात्रा में मिलाकर लगाने से छाइयाँ, झाँई, काले धब्बे या मुँहासे ठीक हो जाते हैं। इसके तीन घंटे बाद तुलसी के पत्ते पीस कर मक्खन में मिलाकर चेहरे पर मलें।
जायफल- चेहरे पर काले धब्बे या मुँहासे होने पर जायफल को दूध में घिसकर गाढ़ा लेप करें। इससे चेहरा निखरता है।
पानी–प्रात: दोब पर पड़ा पानी, ओस लगाने से मुँहासे निकलना बन्द हो जाते हैं। जीरा-जीरे को उबाल कर उस पानी से चेहरा धोने से मुख-सौन्दर्य बढ़ है।
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