जुकाम सर्दी (Catarrh, Coryza)
बदलते मौसम में सर्दी से बचाव की पूर्ण सावधानी रखनी चाहिये। गर्म कपड़े पहने रहना चाहिये। बदलते मौसम में जुकाम-खाँसी, एलर्जी और साँस के रोग अधिक होते हैं। सर्दी की लापरवाही से जुकाम हो जाता है और कफ बनकर साँस के रोग हो जाते हैं। शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को सर्दी के दुष्प्रभाव अधिक होते हैं। ठंड में दिल के दौरे पड़ने की सम्भावना ज्यादा रहती है, क्योंकि सर्दी से दिल में सिकुड़न आती है। बुखार, खाँसी, जुकाम, दस्त, वायरल बुखार, त्वचा में खुश्की होती है।
बाजार की चीजें, तली हुई चीजों को बदलते मौसम में नहीं खाना चाहिए।
सर्दी लगने पर दाईं नाक से श्वास लेनी चाहिए। शरीर में गर्मी होने पर बाईं नाक से साँस लेनी चाहिए।
‘चिकित्सा शास्त्र की किताबों में सर्दी-जुकाम का कोई इलाज नहीं पाया जाता। डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली दवाएँ जुकाम में आराम का अहसास करवाती हैं, लेकिन उससे जुकाम की अवधि में कमी नहीं आती। रोग दब जाता है जो कभी भी फिर कुपित हो जाता है। जुकाम हमें श्वसन मार्ग के ऊपरी हिस्सों में आने वाली सूजन से होता है। जुकाम में बंद नाक खोलने वाली, नाक में डालने वाली दवाओं का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इनसे रक्तचाप बढ़ता है और रक्त वाहिनियाँ सिकुड़ जाती हैं।
प्रायः जुकाम से परेशान होना पड़ता है। यहाँ घरेलू उपचार के लिए खान-पान की कुछ चीजें जिनके सेवन से जुकाम ठीक हो जाता है, दी जा रही हैं। यदि अन्य किसी प्रकार की चिकित्सा चल रही हो तो उनके साथ भी इनका सेवन किया जा सकता है। इनके विवेचन से पता चलेगा कि भोजन के द्वारा चिकित्सा बहुत सरल और हानि रहित है।
जुकाम के कारण
(1) पूर्व संचित दोष—साँस, कब्ज, टान्सिल बढ़ना, नासा रोग, दुर्बलता, शीत प्रकृति ।
(2) तात्कालिक उत्तेजक प्रभाव – वर्षा में भीगना, ठण्ड लगना, कड़ी धूप में घूमना तुरन्त और पानी पीना, रात्रि जागरण, अपच, एकाएक पसीना बन्द करना, अति स्त्री-सहवास, स्वच्छ वायु का अभाव, गर्म पानी से स्नान तथा सर्दी के प्रति भय, शीतल पदार्थों का सेवन ।
निषेध-सर्दी जुकाम में दूध, दही नहीं लेना चाहिए। यदि दूध लेना हो तो मोटी इलायची, दो पीपल, दो छुहारा, चार खजूर — इनमें से कोई एक दूध में उबाल कर दूध पीयें। पूर्व पृष्ठों में शक्तिवर्धक पाठ में बताया गया मुनक्का का प्रयोग बहुत लाभदायक है।
सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय और नुस्खे – Sardi Jukam Ke Gharelu Upay
जुकाम को ठीक करने के लिए सर्वोत्तम विटामिन ‘सी’ का उपयोग है। सर्दी-जुकाम से आराम दिलाने में विटामिन ‘सी’ के भोजन अलावा कई परम्परागत इलाज भी उपलब्ध हैं, जैसेकि गरारे करना, अदरक और शहद का सेवन तथा भाप लेना आदि।
पानी-जुकाम आदि तात्कालिक कारणों से हो तो गरम जल पीयें और भोजन न करें। इससे जुकाम ठीक हो जायेगा। तात्कालिक कारणों वाला जुकाम सामान्य होता है। एक दिन जुकाम लगता दूसरे दिन तेज नाक बहता है, तीसरे दिन पककर ठीक हो जाता है। जु की खान-पान के स्थान पर गरम और खुश्क दवाओं से चिकित्सा की गई तो जुकाम बिगड़ जायेगा और फलस्वरूप अनेक रोग पैदा हो जायेंगे।
गुड़ — (1) सर्द ऋतु में गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से जुकाम, खाँसी आदि रोग) नहीं होते हैं। अतः बचने हेतु यह सेवन करें।
(2) बिगड़ी हुई सर्दी में पुराना गुड़ 30 ग्राम, दही 60 ग्राम और 6 ग्राम काली मिर्च पिसी हुई मिलाकर प्रात:काल उठते ही व शाम को 5 दिन सेवन करने से लाभ होता है। फिर जुकाम नहीं लगता। जुकाम बिगड़ जाने से मन्द-ज्वर, अरुचि, कफ, खाँसी, बलगम गिरना, नाक से दुर्गन्ध आना तथा दुर्गन्धयुक्त स्राव होना, सिर दर्द आदि अन्य रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
नारंगी-सर्दी, खाँसी होने पर गर्मी में ठण्डे पानी के साथ और सर्दी में गरम पानी से नारंगी का रस पीने से लाभ होता है। एक नारंगी के छिलकों के छोटे-छोटे टुकड़े करके एक गिलास पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर सुबह-शाम दो बार पीयें। इस काम के लिए नारंगी के छिलके छाया में सुखा कर रख सकते हैं। जब आवश्यकता हो, इनको काम में लें।
सेब-दुर्बल मस्तिष्क के कारण भी सर्दी-जुकाम सदा बना रहता है। ऐसे रोगियों को जुकाम की दवाओं से लाभ नहीं होता। ऐसे लोगों की जुकाम ठीक करने के लिए भोजन से पहले छिलके सहित सेब खानी चाहिए। इससे मस्तिष्क की दुर्बलता भी दूर होगी।
आँवला–जिन्हें प्राय: जुकाम रहता है, उन्हें आँवले का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
अंगूर – नित्य 50 ग्राम अंगूर खाते रहने से बार-बार जुकाम लगना बन्द हो जाता है।
अंजीर-पाँच अंजीर पानी में उबाल कर छानकर यह गर्मागर्म पानी सुबह-शाम पीयें।
लहसुन-जुकाम में लगातार 5-7 या अधिक छींकें आती हों तो लहसुन खाने से छींके में आनी बन्द हो जाती हैं।
मक्का-मक्का का भुट्टा जलाकर उसकी राख पीस लें। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लें। नित्य चार बार चौथाई चम्मच गर्म पानी से फँकी लें। लाभ होगा।
दूध-दूध में पाँच पीपल डालकर गर्म करें। फिर शक्कर डालकर नित्य सुबह-शाम पीये।
चाय-जुकाम यदि ठण्ड से हो, छींकें, आँख, नाक से पानी निकलता हो तो चाय पीना लाभदायक है। इससे ठण्ड दूर होकर पसीना आता है तथा सर्दी में आराम मिलता है। यदि जुकाम खुश्क हो, कफ गाढ़ा, पीला, बदबूदार हो, सिर दर्द, विवर प्रवाह (Sinusitis) हो तो चाय पीना हानिकारक है।
पान-जुकाम हो तो पान में लौंग डालकर खाएँ।
पानी–अगर नाक से पानी बहता हो तो गर्म पानी की भाप को नाक से खींचें। नाक से पानी बहना बंद हो जाएगा।
धनिया – 125 ग्राम धनिया कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें। जब पानी चौथाई भाग रह जाये तो छानकर 125 ग्राम मिश्री मिलाकर फिर गरम करें। जब गाढ़ा हो जाये तो उतार लें। यह प्रति दिन दस ग्राम चाटें। मस्तिष्क की कमजोरी से होने वाली जुकाम ठीक हो जायेगी। मस्तिष्क की कमजोरी भी ठीक होगी (सेब) ।
शहतूत-जुकाम और गले के रोगों में शहतूत हितकर है।
गाजर- गाजर का रस 310 ग्राम, पालक का रस 125 ग्राम मिलाकर पीने से सर्दी, जुकाम ठीक हो जाते हैं।
सौंफ-जुकाम में 15 ग्राम सौंफ, 5 लौंग आधा किलो पानी में उबालें, चौथाई पानी रहने पर देशी बूरा या चीनी मिलाकर घूँट-घूँट पीयें।
हल्दी – (1) यदि जुकाम, दमा में कफ गिरता हो तो नित्य तीन बार एक चम्मच पिसी हुई हल्दी की गरम पानी से फँकी लें।
(2) हल्दी का धुआँ सूँघने से जुकाम का पानी, कफ बह कर बाहर आ जाता है। इसके बाद आधा घंटा पानी नहीं पीयें।
(3) एक कप गर्म दूध में 10 काली मिर्च पिसी हुई, आधा चम्मच हल्दी पिसी हुई मिलाकर लेने से जुकाम, बुखार में लाभ होता है।
नमक – सेंधा नमक एक भाग, देशी चीनी (बूरा) चार भाग, दोनों मिलाकर पीस लें। यह आधा चम्मच नित्य तीन बार गरम दूध से लेने से जुकाम ठीक होता है।
नीबू – (1) गुनगुने पानी में नीबू निचोड़कर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। तेज जुकाम, हो तो एक गिलास उबलते हुए गरम पानी में एक नींबू इच्छानुसार शहद मिलाकर रात को पीयें।
(2) एक छोटा चम्मच शहद, नीबू का रस और थोड़ा-सा अदरक का रस एक गिलास गरम पानी में मिलाकर पिएँ। इस दौरान चाय या कॉफी का सेवन न करें।
मौसमी – जिन व्यक्तियों को बार-बार जुकाम, सर्दी लग जाती है, वे थोड़े समय तक मौसमी का रस पीकर इससे स्थाई रूप से बच सकते हैं।
मुनक्का – (1) जुकाम में मुनक्का लाभप्रद है। जुकाम बार-बार लगता हो, ठीक ही न होता हो तो 11 मुनक्का, 11 काली मिर्च, 5 बादाम भिगो कर छील लें। फिर इन सबको पीस कर 25 ग्राम मक्खन में मिलाकर रात को सोते समय खायें। प्रातः दूध में पीपल, काली मिर्च, सौंठ डाल कर उबाला हुआ दूध पीयें। यह कई महीने करें। जुकाम स्थाई रूप से ठीक हो जायेगा।।
(2) 6 बादाम, 6 मुनक्का, 6 पिस्ते, एक लौंग, एक इलायची, दो चम्मच खशखश सब सबेरे पानी में भिगो दें। पानी इतना ही डालें कि ये भीगी रहें। शाम को बादाम छील लें, मुनक्का के बीज निकाल लें तथा सब को पीसकर गीले मोटे कपड़े में पोटली बाँध कर तवे पर सेक लें। रात को सोते समय इसे खायें और पानी नहीं पीयें। जुकाम ठीक होगी।
(3) गरम पानी के साथ मुनक्का लेने से जुकाम ठीक हो जाती है।
सरसों का तेल–पुरानी जुकाम में जब नाक से दुर्गन्ध आये, रक्त रंजित या रक्तहीन पीले श्लेष्मा के छिछड़े गिरते हों तो सोते समय 15 बूँद सरसों के तेल में 7 बूँद पानी मिलाकर मथें, रगड़ें और झाग आने पर सूँघें तथा नाक में भी लगायें, लाभ होगा।
हींग- हींग के घोल को सूंघने से नाक में जमा रीट (कफ, श्लेष्मा) बाहर निकल आता है एवं दुर्गन्ध भी दूर होती है।
अमरूद—बहुत पुरानी सर्दी, जुकाम तीन दिन तक केवल अमरूद खाकर रहने से ठीक हो जाती है। प्याज-कच्चा प्याज खाने से जुकाम ठीक हो जाता है। ठण्ड से उत्पन्न रोगों में लाभदायक है। जुकाम में नाक से पानी बहता हो तो प्याज का रस सुँघाने से जुकाम में लाभ होता है।
पोदीना-जुकाम, खाँसी होने पर पोदीने की चाय में कुछ नमक डालकर पीने से लाभ होता चना-गरम-गरम चने रुमाल में रखकर सूँघने से जुकाम ठीक हो जाता है। चने उबाल कर है। इनका पानी पीयें। उबले हुए चनों को खायें। स्वाद के लिए नमक, काली मिर्च डाल लें। चने जुकाम में बहुत लाभदायक है।
अजवाइन-(1) इसकी बीड़ी या सिगरेट बनाकर पीने से जुकाम में लाभ होता है। (2) 6 ग्राम अजवाइन पतले कपड़े में बाँधकर हथेली पर रगड़कर बार-बार सूँघें। जुकाम दूर हो जायेगा।
अदरक – (1) सूखी अदरक (सौंठ) और गुड़ या चीनी पानी में डालकर उबालें। जब चौथाई रह जाय तब सुहाता सुहाता गरम छानकर 3 बार पी जायें, लाभ होगा। (2) अदरक के एक चम्मच रस में स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर गर्म करके पीने से छींकों का आना बंद हो जाता है तथा सर्दी भी दूर हो जाती है। दो-तीन दिनों तक लगातार इसका सेवन करते रहना चाहिए।
(3) गले के दुःखने पर एक पान के पत्ते में छोटा टुकड़ा अदरक एवं दो लौंग रखकर धीरे-धीरे रस को चूसिए।
तुलसी-दस तुलसी के पत्ते, पाँच काली मिर्च पानी में मिलाकर चाय की तरह उबालें। फिर इसमें थोड़ा-सा गुड़ और देशी घी या सेंधा नमक डालकर पीयें। इससे जुकाम में लाभ होता है। छोटे बच्चों को तुलसी के पत्ते दूध में उबाल कर दें।
शहद- (1) 2 चम्मच शहद, 200 ग्राम हल्का गर्म दूध, आधा चम्मच मीठा सोडा इन ● सबको मिलाकर सुबह और शाम को पिलायें, इससे बहुत पसीना आयेगा पसीने में हवा न लगने दें। इससे जुकाम, फ्लू ठीक हो जायेगा। (2) 30 ग्राम शहद, दो चम्मच अदरक का रस गरम पानी मिलाकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
जायफल-जायफल को पानी में घिसकर शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटने से बच्चो जुकाम जो बार-बार लगता है, ठीक हो जाता है। को
शक्कर-जलते हुए कोयलों पर शक्कर डाल कर नाक से धुआँ अन्दर खींचने से रुका हुआ जुकाम ठीक हो जाता है।
राई-गर्मी में राई को शहद में मिलाकर सूँघने एवं खाने से जुकाम मिटता है।
काली मिर्च – रात को 10 काली मिर्च चबाकर गरम दूध पीयें, मिलता है। इससे जुकाम
इमली—तुरंत सर्दी हुई हो तो इमली के पत्तों को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी को में लाभ एक कप की मात्रा में दो बार पीएँ।
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