जड़ी-बूटी

अंजीर के फायदे एवं औषधीय गुण | Benefits and medicinal properties of fig in Hindi

अंजीर के फायदे एवं औषधीय गुण | Benefits and medicinal properties of fig in Hindi
अंजीर के फायदे एवं औषधीय गुण | Benefits and medicinal properties of fig in Hindi

अंजीर (Fig)

प्रचलित नाम- अंजीर, फल्गु ।

उपयोगी अंग – सूखा हुआ मृदु पुष्पाधार एवं फल ।

परिचय – यह 15-30 फुट ऊँचा, मध्यम कद का पेड़ होता है। इसके पत्र बड़े, हृदयाकार के, दंतुर, अति खण्डित, खुरदरे होते हैं, फल गोल उदुम्ब प्रकार के मांसल होते हैं।

स्वाद – मीठा, शीतल। खाने में मीठी तथा हीकदार होती है।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

मृदुरेचन, विस्थान, पित्तघ्न, पौष्टिक, शीतल। विबंध, उरःशूल, सांस का रोग, शोथ, यकृतबल्य, प्लीहाघ्न, रक्तदोष में यह औषधि रक्तशोधक गुण वाली है। पौष्टिकता के लिये अंजीर के टुकड़े और बादाम को गर्म जल में भिगोकर कुछ समय तक रहने दिया जाये फिर उसके छिलके निकालकर उसमें मिश्री का चूर्ण, इंलायची दाने का चूर्ण, केसर, पिस्ता सभी सममाप में लेकर, आठ दिन तक गाय के घी में भिगोएं। इसके पश्चात् इस मिश्रण का सेवन रोजाना प्रातः दो तोला करने से शीतलता, धातुवृद्धि, रक्तवृद्धि होती है।

सांस के रोग में अंजीर में गोरख इमली के बीजदलों को मिलाकर प्रतिदिन प्रातःकाल छः माशा रोजाना सेवन से श्वासरोग में फायदा होता है। गण्ड में कच्चे अंजीर को कूटकर इस पर बांधने से लाभ होता है। कंठशोथ एवं जीभशोथ में सूखे अंजीर का क्वाथ बनाकर लेप करने से फायदा होता है। रक्तवृद्धि के लिए इसके पके हुए फलों को छीलकर फल में आमने-सामने दो कट मारकर इसमें मिश्री भरकर ओस में रात भर रखे रहने के बाद सुबह इनका सेवन 15 दिन तक इसी तरह करना चाहिए। अंजीर के फल पित्त शामक एवं रक्तवृद्धि करने वाले होते हैं। इसलिए कमजोर लोगों को प्रातः इसका सेवन करना चाहिए।

वृक्ष पर पके अंजीर को चार-पांच की संख्या में रोज खाने से पेट साफ रहता है। कब्ज की शिकायत दूर होती है। चक्कर आना व कमजोरी मिट जाती है। इसका ताजा फल अधिक स्वादिष्ट और मीठा होता है।

मात्रा-सूखा अंजीर 30 ग्राम तक उपयोग कर सकते हैं।

इसे भी पढ़ें…

About the author

admin

Leave a Comment