अकलबेर (Indian Shot)
प्रचलित नाम- देवकिली, अकलबेर ।
उपयोगी अंग- भूमिगत कंद ।
परिचय- एक बड़ा, ऊँचा गुल्म, जिसमें भूमिजन्य, मांसल कंद होता है, फूल विविधवर्णी।
स्वाद – मधुर ।
गुण- शोथहर।
उपयोगिता एवं औषधीय गुण
इसके भूमिगत कंद का प्रयोग शोध में किया जाता है एवं यह जलन नाशक और एन्टरॉकीनेज प्रक्रिया दर्शाता है। जोड़ों की सूजन में इसके पत्तों को पीसकर लेप लगाकर पट्टी बाधने से फायदा होता है।
खांसी और जुकाम: अकलबेर के चूर्ण को शहद या मिश्री के चूर्ण के साथ रोगी को देने से राहत मिलती है।
टायफाइड: अक्लबेर को उचित मात्रा में देने से विषम ज्वर, कंठमाला और बेहोशी की स्थिति में लाभ होता है। इसके प्रयोग से गले और वायु प्रणालियों की श्लैष्मिक कलाओं के जलन में लाभ होता है। पुराने बुखार में इसके चूर्ण को जल के साथ देते हैं।
दंतशूल: दांत के दर्द में अकलबेर के चूर्ण को दर्द वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलती है।
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