आम्रगन्धक (Limnophilagratioloides)
प्रचलित नाम- कुत्र।
परिचय- यह पौधा शुरू से ही बहुशाखी रहता है। यह पौधा भारतवर्ष के शीत-प्रान्तों में और बिलोचिस्तान, श्रीलंका तथा चीन में होता है। यह एक छोटी जाति का पौधा होता है, जिसमें तारपीन की तरह तीव्र गन्ध आती है। इसकी जड़ें नीचे अधिक फैलती हैं।
उपयोगिता एवं औषधीय गुण
यह औषधि सड़ांध को रोकने वाली तथा कृमिनाशक होती है। सांघातिक बुखारों में शरीर पर मालिश करने के लिये इसका रस उपयोग में लाया जाता है।
सोंठ तथा जीरे के साथ इस औषधि को लेने से अतिसार और प्रवाहिका में फायदा होता है। इसके पौधे का नारियल के तेल के साथ मलहम बनाकर लगाने से हाथीपांव (श्लीपद) में काफी लाभ होता है।
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