ऊन प्राप्ति के विभिन्न साधनों का वर्णन कीजिए।
ऊन की प्राप्ति मुख्यतः भेड़ों से होती है। परन्तु कुछ जानवर ऐसे हैं जिनके बालों से भी ऊन बनायी जाती है। वे है- ऊँट, खरगोश, हिरण, बकरी मृग, लोमड़ी आदि। कुछ विशिष्ट जाति के पशुओं के बालों से भी ऊन प्राप्त होती है। ये पशु ठण्डे प्रदेशों में अत्यधिक ऊँचाई पर रहते हैं। इनके बालों से प्राप्त ऊन से बने वस्त्र काफी महँगे एवं बहुमूल्य होते हैं। ये अत्यन्त सुन्दर एवं विशिष्ट श्रेणी के होते हैं। इन्हें ‘विशिष्ट हेयर फाइबर’ (Special Hair Fiber) कहा जाता है। क्योंकि ये फाइबर दुर्लभ पशु के बालों से प्राप्त होते हैं। ये दुर्लभ पशु अत्यन्त कम संख्या में उपलब्ध रहते हैं।
विक्यूना (Vicuna) एक दुर्लभ ऊँट जाति का जानवर है, जिसके बालों से विश्व का सबसे महँगा कोट बनता है। इसे मिंक कोट के नाम से जाना जाता है। यह अपनी अद्वितीय सुन्दरता, अलौकिक गुणोंके कारण सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। इनकी उत्कृष्टता एवं बारीकी की भी कोई बराबरी नहीं होती। इसी तरह अन्य कई प्रकार के दुर्लभ जानवर हैं जिनके बालों से ऊनी रेशे प्राप्त किये जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं जो निम्नांकित हैं—
1. विक्यूना (Vicuna) – विक्यूना ऊँट जाति का एक दुर्लभ जानवर है। इसके बाल अत्यन्त सूक्ष्म कोमल, फिसलने वाले, चमकदार एवं बारीक होते हैं। इसका रंग, क्रीम, हल्का भूरा अथवा भूरा होता है। इसके बालों से विश्व का सबसे महंगा कोट ‘मिंक कोट’ (Mink Coat) बनता है जो इने-गिने लोगों के पास ही उपलब्ध रहता है। यह पेरू प्रदेश व दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है।
2. अंगोरा बकरी (Angora Goat) – यह एक प्रकार की बकरी है, जिसके बालों से ऊनी रेशे प्राप्त किये जाते हैं, ‘अंगोरा’ कहलाती है। इसके बालों को ‘मोहेर’ (Mohair) के नाम से जाना जाता है। इसके बाल सूक्ष्म कोमल, लम्बे, चमकदार एवं सुन्दर, उत्कृष्ट कोटि के वस्त्र बनाये जाते हैं।
3. कश्मीरी बकरी (Cashmere Goat) – कश्मीरी बकरी के बालों से उत्कृष्ट श्रेणी के ऊनी वस्त्र बनते हैं। इस बकरी का नामकरण (Nomenclature) भी कश्मीर में बनने वाला, महीन शॉल पर रखा गया है। कश्मीरी बकरी हिमालय के तिब्बत क्षेत्र, चीन तथा विश्व के उत्तरी-पश्चिमी भागों में पाई जाती है।
4. ऊँट- दो कुंभ वाले ऊँट (Two humped camel) या बैक्ट्रीयन ऊंट (Bacterian camel) एशिया, चीन के उत्तरी-पश्चिमी भाग तथा मंगोलिया में पाये जाते हैं। अरब में गर्म रेगिस्तान से लेकर साइबेरिया (Siberia) के ठण्डे प्रदेशों तक इस जाति के ऊँट पाये जाते हैं। इनके शरीर पर उपस्थित बाल उन्हें अत्यधिक गर्मी एवं सर्दी से बचाते हैं। उनके बालों में विशिष्ट करते हैं। गुण होता है। ये गर्मी में त्वचा को शीतलता तथा सर्दी में गर्माहट (Warmth) प्रदान करते हैं।
5. अल्पाका (Alpaca) – अल्पाका मुख्यतः पेरू (Peru) प्रदेश में पाया जाता है। यह जानवर लामा के समान दिखाई पड़ता है, परन्तु यह लामा से थोड़ा छोटा होता है। इसके बाल लम्बे, कोमल एवं घने होते हैं। इनके बालों से प्राप्त रेशों की लम्बाई 10-12 इंच तक होती है। इनसे रोएँदार वस्त्र व कोट बनाये जाते हैं।
6. अंगोरा खरगोश (Angora Rabbit) – अंगोरा खरगोश मूलतः फ्रांस में पाया जाता है। इसकी कुछ विशेष जातियाँ टर्की (Turkey) में भी पायी जाती है। यह घरेलू किस्म का खरगोश होता है। अतः इन्हें बड़े पैमाने पर फ्रांस में घरों में पाला जाता है। इनके बाल अत्यन्त श्वेत, कोमल, बारीक, मुलायम, सूक्ष्म एवं रेशम के समान चिकने एवं चमकदार होते हैं। इनके बालों से उत्तम श्रेणी के ऊनों की प्राप्ति होती है। अतः इनसे बच्चों के गर्म ऊनी वस्त्र बनाये जाते हैं। इनके रेशों को अन्य रेशों के साथ मिश्रित करके बहुमूल्य वस्त्र व कोट तैयार किये जाते हैं।
7. लामा (Lama) – लाभा भी ऊँट जाति का पशु है। इसके बालों में भी दो पर्ते हैं। ऊपरी परत के बाल लम्बे, घने, भारी एवं मोटे होते हैं। नीचे की परत से बहुत मुलायम, कोमल एवं बारीक रेशों की प्राप्ति होती है। इसके बालों में रेशम के समान चमक पायी जाती है। लामा दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है। यह जानवर बालों के साथ-साथ सामान होने के लिए प्रसिद्ध है।
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