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कचरी (Cucumis Pubescces) के फायदे एवं औषधीय गुण

कचरी (Cucumis Pubescces) के फायदे एवं औषधीय गुण
कचरी (Cucumis Pubescces) के फायदे एवं औषधीय गुण

कचरी (Cucumis Pubescces)

प्रचलित नाम- कचरी, चचरिया, सेव ।

उपलब्ध स्थान- यह मकई तथा अर के खेतों में अपने आप उत्पन्न होती है। इसकी बोआई भी की जाती है।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

कचरी मधुर, रूखी, “भारी, पित्त-कफनाशक, ग्राही तथा विष्टम्बकारक होती है। पकी हुई कचरी गरम तथा पित्तकारक है। सूखी हुई कचरी कफनाशक, वातविनाशक, अरुचिनिवारक, जड़तानाशक, रेचक तथा दीपक है। यह शीतल, मलरोधक, भारी, मधुर और पित्त, मूत्रकृच्छ, पथरी, दाह, वात व शोथ का नाश करने वाली होती है। इसके फूल त्रिदोषकारक होते हैं।

छोटी कचरी चरपरी, कड़वी, स्वाद में खट्टी, वात-पित्तनाशक, पीनस रोग को दूर करने वाली, दीपन तथा रुचिकारक है।

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