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कटभा (Careya Arborea) के फायदे एंव औषधीय गुण

कटभा (Careya Arborea) के फायदे एंव औषधीय गुण
कटभा (Careya Arborea) के फायदे एंव औषधीय गुण

कटभा (Careya Arborea)

प्रचलित नाम- कटभा ।

उपलब्ध स्थान- यह श्रीलंका, मलाया प्रायद्वीप एवं देश के जलीय क्षेत्रों के जंगलों में उत्पन्न होता है।

परिचय- यह एक मध्यम आकार का वृक्ष है। पत्ते अंडाकार, चौड़े, तीखी नोकवाले तथा मुलायम होते हैं। इसके फूल सफेद तथा तेज गंध वाले होते हैं। इसमें चार पंखुड़ियां होती हैं। फल हरे, कोमल, गोल अथवा अंडाकार होते हैं।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

1. कटभा (कुम्भी) प्रमेह, बवासीर, नासूर, विष, कृमिरोग, कफ तथा कुष्ठ को समाप्त करने वाली होती है। यह गर्म, चरपरी और रूखी होती है। इसका फल कसैला और कफ तथा वीर्य को खत्म करने वाला होता है। इसकी छाल और फल दोनों संकोचक होते हैं।

2. इसका छिलका दूसरी औषधियों के साथ सांप के जहर को दूर करने के काम में लिया जाता है। यह में विच्छू के विष में भी उपयोगी है। सर्पदंश में इसका ताजा छिलका काटे हुए स्थान पर लगाया जाता है और इसकी छाल को काढ़ा पिलाने के प्रयोग में लिया जाता हैं।

3. कटभा (कुम्भी) की छाल एक उत्तम स्तम्भक औषधि होती है। सूखी खांसी में इसकी छाल को गोली बनाकर मुख में रखने से लाभ होता है।

प्रसूति काल में इसके पुष्पों का काढ़ा दिया जाता है। श्वेत प्रदर में इसके फूल अथवा ताजी छाल को छ से बारह रत्ती तक की मात्रा में शहद व घी के साथ देने से फायदा होता है। पीड़ा युक्त सूजन पर इसकी छाल को कुचल कर बांधा जाता है। इसके काढ़े से व्रणों को धोने से उनकी शुद्धि हो जाती है।

सर्पदंश पर इसकी छाल का रस पिलाने तथा दंश हुए स्थान पर इस छाल को कुचल कर बांधने से फायदा  होता है। सर्पदंश के अलावा भी अन्य विषैले जन्तुओं के काटने अथवा दंश करने पर काटे या दशित स्थान पर इसकी छाल का रस असरकारी है।

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