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कलमी शाक (Ipomoea Aquatica) के फायदे

कलमी शाक (Ipomoea Aquatica) के फायदे
कलमी शाक (Ipomoea Aquatica) के फायदे

कलमी शाक (Ipomoea Aquatica)

प्रचलित नाम- कलमी शाक।

उपलब्ध स्थान- यह एकवर्षजीवी वनस्पति होती है। यह हिन्दुस्तान में सब जगह उत्पन्न होती है। परन्तु बंगाल के जलाशयों के तीर (किनारे) पर यह काफी मात्रा में होती है। मद्रास तथा श्रीलंका में सब्जी के लिए इसकी खेती की जाती है।

परिचय- यह दो प्रकार की होती है एक जल में उत्पन्न होने वाली, और दूसरी, खेतों में उत्पन्न होने वाली। इसकी बेलें रतालू की बेल की तरह होती हैं, जो ब में पानी के किनारे या पानी के भीतर उगती हैं। इसके फूल गुलाबी या जामुनिया रंग के तथा फल गोलाई लिए हुए रहते हैं, जिसमें 4 बीज होते हैं।

आयुर्वेद- यह औषधि स्तनों में दूध उत्पन्न करने वाली, मीठी और शुक्र जनक होती है। इसकी जल में उत्पन्न होने वाली जाति कृमिनाशक और कुष्ठ रोग में लाभकारी होती है। जल में पैदा होने के कारण इसकी तासीर तर और ठण्डी होती है। इसलिए कुष्ठ रोगों की जलन में यह जलन रोकने में लाभकारी है। इसे कूटकर, रस निकालकर पीने से रक्त शुद्धता होकर कुष्ठ रोग सही होता है।

यूनानी- बोई हुई जाति की बनिस्बत अपने आप उत्पन्न हुई जाति में विष को समाप्त करने का गुण ज्यादा मात्रा में रहता है। संखिया और अफीम का जहर उतारने के लिए इसका खालिस रस पिलाकर के कराई जाती है। यह औषधि कृमिनाशक तथा पेट के अफारे को दूर करती है। बुखार, पीलिया, खांसी और यकृत सम्बन्धी शिकायतों में भी यह बहुत लाभदायक है।

इस वनस्पति को सुखाकर उन औरतों को दिया जाता है तो अशक्त और स्नायुजन्य सम्बन्धी दुर्बलता की शिकार होती हैं। इसका रस अफीम व संखिए के जहर को नष्ट करने वाली व वमन कारक औषधि के तौर पर काम में लिया जाता है। इसकी कलियां बुखार निवारक समझी जाती हैं। ज्वर जनित सन्निपात तथा ज्वर जनित मूर्च्छा में इसकी डण्डी तथा पत्ते उपयोगी माने जाते हैं।

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