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काकनज (Withania Congulans) के फायदे एंव औषधीय गुण

काकनज (Withania Congulans) के फायदे एंव औषधीय गुण
काकनज (Withania Congulans) के फायदे एंव औषधीय गुण

काकनज (Withania Congulans)

प्रचलित नाम- काकनज आकरी, बिनपुतका, पनीर, काकंज।

उपलब्ध स्थान- यह वनस्पति पंजाब, सतलुज का किनारा, सिंध, बिलोचिस्तान और अफगानिस्तान में उत्पन्न होती है।

विवरण- यह एक तरह का छोटा झाड़ीनुमा पौधा होता है।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

इसके फल थोड़ी मात्रा में पाचक, मूत्र निस्सारक, वेदना हर तथा स्नेहल होते हैं। पाचन क्रिया की विकृति और यकृत के विकारों से उत्पन्न हुई बदहजमी में लाभदायक होते हैं। इसका फल मीठा, जख्म को भरने वाला और दमा, पित्त और पथरी का नाश करने वाला होता है। इसके बीज दुग्धवर्धक तथा मूत्र निस्सारक होते हैं। कटिवात, चक्षुरोग और बवासीर में ये लाभकारी हैं। पेट रोगों में इसकी विशेष उपयोगिता होती है। कब्ज व बदहजमी को समाप्त करने के साथ यह भूख बढ़ाती है और रक्त शोधन करती है।

1. इसके पके फल धातु परिवर्तन, मूत्रल, वेदना नाशक तथा शान्तिदायक होने के साथ ही यकृत की पुरानी शिकायतों में भी काफी उपयोगी होते हैं।

2. इसके सूखे हुये फल ‘पनीर जाफला’ के नाम से पहचाने जाते हैं। इन्हें मन्दाग्नि और वातजनित उदरशूल में प्रयोग किये जाता है। इनका पौष्टिक औषधि की तरह उपयोग में लिया जाता है। इससे कब्ज मिट जाता है, भूख खुलती है तथा जोड़ों के दर्द में राहत होती है। इसके सूखे हुये फल पनीर बनाने के लिए, दूध जमाने में काम में लिये जाते हैं। इसीलिए कुछ स्थानों पर इसे ‘पनीर’ नाम दिया गया है। वैसे यह औषधि काकनज के ही नाम से वैद्य, हकीम या अत्तारों की दूकान पर मिलती है। वातरोग नाशक होने की वजह से यह भोजन विकार से होने वाले रोगों को होने से रोक देती है, जिनसे जोड़ों पर हो चुके वातरोग में भी जल्दी आराम होता है।

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