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कायफल (Bay-Berry) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण

कायफल (Bay-Berry) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण
कायफल (Bay-Berry) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण

कायफल (Bay-Berry)

प्रचलित नाम- कटफल, कायफल ।

उपयोगी अंग- छाल।

परिचय-यह मध्यम कद का सदाहरित वृक्ष होती है, इसकी छाल बादामी रंग की सुगंधित तथा खुरदुरी रहती है। पत्ते सरल तथा निवली सतह मुरचई रंग की होती है। फूल रक्तवर्णी। फल अण्डाकार चिपटे, सतह दानेदार चिकनी, रक्ताभ, पीताभ होती है।

स्वाद- तीखा, कषाय ।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

ग्राही, प्रतिश्यायहर, नाड़ीबल्य, शोथहर व उत्तेजक । जीर्णकास, सांस के रोग में इसकी छाल का प्रयोग दालचीनी तथा शहद के साथ किया जाता है। इसका उपयोग कानदर्द तथा दंतशूल में लाभकारी है। इसका बाहरी प्रयोग जीर्णव्रत तथा कैंसर युक्त व्रण रोपण में लाभदायक है। इसका तेल व्रणों तथा संघिशूल में लाभदायक है। प्रतिश्याय, अपस्मार तथा शिरःशूल में इसकी छाल के चूर्ण का नस्य लाभकारी है। इसकी छाल, दालचीनी तथा सोंठ का क्वाथ, प्रतिश्याय, स्वरभंग, जीर्ण श्वसन नलिका शोथ, कास, अरुचि, आध्यमान, रक्तातिसार, गण्डमाल तथा गृधंसी में लाभदायक है। इसकी छाल का चूर्ण और एक चौथाई तोला चंदन चूर्ण मिलाकर शहद या मिश्री के साथ सेवन से रक्त-पित्त शांत हो जाता है।

व्रण में इसकी छाल का सूक्ष्म चूर्ण व्रण पर छिड़कने से व्रण जल्दी ठीक हो जाता है। शिरोरोग में इसकी छाल का महीन चूर्ण सुंघाने से छींक आकर शिरोवेदना दूर हो जाती है। गलगण्ड में इसकी छाल का महीन चूर्ण गले के भीतर, घिसकर लगाने से गलगण्ड ठीक होता है। पित्तज, नेत्राभिष्यंद में जल में इसकी छाल को घिसकर रेशमी वस्त्र में लेकर, आंख में एक दो बूंदें टपकाने से फायदा होता है।

मात्रा- छाल का चूर्ण-7-10 ग्राम।

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