जड़ी-बूटी

काहू (Lactuca Scariola) के फायदे एंव औषधीय गुण

काहू (Lactuca Scariola) के फायदे एंव औषधीय गुण
काहू (Lactuca Scariola) के फायदे एंव औषधीय गुण

काहू (Lactuca Scariola)

नाम- काहू, खस, सालाद।

उपलब्ध स्थान- यह भारतवर्ष में सभी जगह पाया जाता है।

विवरण- इसका पौधा 3 फुट के करीब ऊंचा होता है। इस पौधे की काफी खेती की जाती है। इसके पत्ते कटे हुए किनारों वाले लम्बे, गोल तथा । रुएंदार होते हैं। डाली को तोड़ने से उसमें से बहुत सा जल सरीखा चिकना रस निकलता है। इस रस को एकत्रित करने पर, वह जमने के पश्चात् काला और स्वाद में कड़वा रहता है। इस रस को ही औषध य उपयोगिता प्राप्त है। इसका असर उत्तेजक होता है।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

आयुर्वेद – काहू के इस जमे हुए रस का धर्म अफीम, खुरासानी अजवायन और भंग की तरह नशीला और निद्रादायक होता है। यह खांसी को दूर करता है और वेदनानाशक है। इसकी ताजी तरकारी शीतल, रेचक और रक्तपित्त को दूर करने वाली होती है। काहू के जमे हुए रस का गुण निंद्रा लाने वाला होने की वजह से उन सभी बीमारियों में इसकी उपयोगिता है, जिनमें शरीर को आराम की जरूरत होती है।

यूनानी- इसके पत्ते स्वाद में मीठे होते हैं। ये निद्रा लाने वाले, अग्निवर्धक, दूध बढ़ाने वाले और रक्तस्राव को मिटाने वाले होते हैं। ये रक्त को अपनी वास्तविक स्थिति पर लाते हैं और रक्त की लाली को बढ़ाते हैं। ये पित्तनाशक, जलन को मिटाने वाले, सिरदर्द और नाक की पीड़ा में लाभदायक तथा श्वांस नली के प्रदाह और हृदय रोग के कारण उत्पन्न हुई खाँसी में फायदा पहुँचाते हैं। खुजली, चक्षुरोग, यकृत रोग और धवल रोग में भी यह लाभकारी हैं।

काहू के बीज- पित्त तथा खून की तेजी को कम कर देते हैं, प्यास को बुझाते हैं। मस्तिष्क को साफ करते हैं, मेदे की सूजन को समाप्त करते हैं, नजले और जुकाम में लाभकारी हैं। इनको पीसकर पेशानी पर लेप करने से सिरदर्द दूर होता है और नींद आ जाती है। इन बीजों के निरन्तर अधिक सेवन से मनुष्य की कामेन्द्रिय की शक्ति कम होती है और नपुंसकता के लक्षण नजर आने लग जाते हैं। यह चूंकि शिथिलता लाने वाले गुण युक्त है, अतः इसका ज्यादा सेवन कामोत्तेजना में कमी ला सकता है।

काहू का तेल- इसके बीजों से निकला हुआ तेल तीक्ष्ण होता है। यह सिर, कान और नाक पर लगाने से मस्तक को लाभ पहुंचाता है। मौलीखोलिया, वहम और मिरगी में लाभकारी है। यह निद्रा लाने वाला, ज्वर निवारक, प्रदाह मिटाने वाला और सिरदर्द में फायदा पहुँचाने वाला होता है। धूप में अधिक देर रहने से सिर में होने वाले दर्द में भी इसका तेल मस्तक पर लगाने से दर्द में आराम मिल जाता है।

कुछ वैद्यों के मतानुसार यह औषधि ठण्डी, शान्तिदायक, मूत्रल, निद्रा लाने वाली और कफ निस्सारक होती है। इसमें लेक्टूसिन नामक कटुत्व पाया जाता है।

इसे भी पढ़ें…

About the author

admin

Leave a Comment