स्वास्थ्य

किस रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं?

किस रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं?
किस रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं?

किस रोग में क्या खाएं और क्या न खाएं?

जब मलेरिया हो तो दूध, मौसमी, नारंगी, गन्ने का रस दें। ज्वर उतरने पर साबूदाना, पतली दाल, दलिया दें। ठोस चीज खाने को न दें। टान्सिल बढ़ने, गले में दर्द होने पर गुनगुने जल में नमक और फिटकरी डालकर गरारे करें।

चाय की पत्तियों को उबाल कर छानकर उस पानी से गरारे करने से भी लाभ होता है।

दस्त होने पर क्या खायें?

दही, चावल, खिचड़ी, छाछ, पका केला, सेब देना चाहिए। दूध नहीं देना चाहिए। जायफल पानी में घिसकर दिन में तीन बार पिलाने से दस्त बन्द हो जाते हैं।

पीलिया होने पर क्या खायें?

गन्ने का रस, रसदार फल या फल का रस, ग्लूकोज देना चाहिए।

मस्से (Warts) होने पर क्या खायें?

शरीर पर कहीं भी मस्से हो जाते हैं। होम्योपैथिक औषधि लेने से मस्से सूख कर गिर जाते हैं। पनवाड़ी जो चूना पान में लगाता है वह चार भाग, कपड़ा धोने का सोडा खार एक भाग किसी काँच की शीशी में डालकर हिलावें और डाट लगाकर रख दें। डाट प्लास्टिक या काँच की होनी चाहिए। लोहे की डाट नहीं लगानी चाहिए। लोहे की डाट कुछ दिन में गल जाती है। इस घोल में फुरेरी बनाकर मस्से पर लगायें। एक-दो दिन में तो दो बार लगाने से मस्सा सूख जाता है। फिर पपड़ी की तरह उतर जाता है, इसे मस्से पर ही लगाना चाहिए, अन्य त्वचा पर लगाने से घाव हो जाते हैं। इस घोल को लगाने से मस्से गिर जाते हैं, लेकिन कभी-कभी पुन: निकल आते हैं। इसके लिए 20 दिन होम्योपैथिक दवा थूजा-200 की एक खुराक हर तीसरे दिन लेते रहना चाहिए।

पामा, छाजन, एकजिमा (Eczema), दाद, खाज, फोड़े, फुन्सी होने पर क्या खायें?

तेल की बनी चीजें, चाय न लें। पालक, मूली के पत्ते, प्याज, टमाटर, गाजर, अमरूद, पपीता खिलायें। पेट पर मिट्टी लगायें।

आँखों की दुर्बलता होने पर क्या खायें?

वनस्पति घी न खायें।

मधुमेह (Diabetes) होने पर क्या खायें?

केला, चीनी, गुड़ एवं मीठी चीजें न लें। गठिया–पालक, केला, आलू न लें।

अम्लता (Acidity) होने पर क्या खायें?

अचार न लें।

लकवा (Paralysis) होने पर क्या खायें?

मीठा न खायें।

व्रण (Ulcer) होने पर क्या खायें?

नीबू, नारंगी, खट्टे फल न लें।

यकृत (Liver) में कठिनाई होने पर क्या खायें?

शराब, चीनी, बिस्कुट, घी, तेल की बनी चीजें न लें।

छोटी माता (चेचक) (Chicken Pox) होने पर क्या खायें?

— भोजन में दूध, अंगूर, अनार, मौसमी आदि मीठे रसदार फल लें।

घाव होने पर क्या खायें?

फोड़े होने पर नमक कम लें।

गृध्रसी (Sciatica ) होने पर क्या खायें?

दही, केला, चावल, मूली, आलू तथा खट्टी चीजें, जैसे—इमली, अचार, टमाटर, उड़द, चने की दाल, ठंडे पदार्थ सेवन करना हानिकारक है।

पथरी होने पर क्या खायें?

गर्मी के मौसम में पैदा होने वाली सब्जियाँ, फल अधिक खाने चाहिए। खाँसी, दमा, कैंसर, टी.बी. – बीड़ी-सिगरेट, तम्बाकू न लें तथा चिन्ताएँ त्यागें ।

उच्च रक्तचाप (Hypertension) होने पर क्या खायें?

नमक न लें।

निम्न रक्तचाप (Hypotension ) होने पर क्या खायें?

नमक लें।

जुकाम (Catarrh) होने पर क्या खायें?

दूध, घी तेल की बनी चीजें न लें।

खुजली होने पर क्या खायें?

नीबू और चमेली का तेल समान मात्रा में मिलाकर मालिश करने से सूखी और बरसाती खुजली मिट जाती है। चर्म रोगों में नमक कम खाएँ ।

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