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कुमुदनी (Numphaca Alba) के फायदे एंव औषधीय गुण

कुमुदनी (Numphaca Alba) के फायदे एंव  औषधीय गुण
कुमुदनी (Numphaca Alba) के फायदे एंव औषधीय गुण

कुमुदनी (Numphaca Alba)

प्रचलित नाम- कुमुदनी, कोई ।

उपलब्ध स्थान- इसकी सफेद फूल वाली बेल कश्मीर, साइबेरिया तथा यूरोप में होती है। लाल पुष्प वाली बेल सारे हिन्दुस्तान के गरम क्षेत्रों में पायी जाती है। नीले पुष्प वाली जाति सारे भारतवर्ष के गरम क्षेत्रों में तथा एशिया और अफ्रीका में होती है।

परिचय- यह कमल के समान जल में पैदा होने वाली एक वनस्पति है। यह लाल, नीले, सफेद फूलों के भेद से कई तरह की होती है। कुमुदनी के फूल कमल के पुष्पों से छोटे होते हैं। इसके फूल पत्ते के ऊपर ही लगे होते हैं। उसमें जावित्री के समान कोष होता है, उस कोष में बीज तैयार हो जाता है। कच्ची स्थिति में उसके अन्दर लाल दाने रहते हैं और पकने पर वे काले पड़ जाते हैं। इसके फल को ‘धंधोल’ कहते हैं और इसकी जड़ को ‘सालक’ कहते हैं। घरों में तालाब रखने वाले शौकीन लोग इसे अपने तालाब की सुन्दरता के लिए लगाते हैं। इसके खिलने वाले रंग-बिरंगे पुष्प और चिकने हरे पत्ते शोभनीय होते हैं।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

आयुर्वेदिक मत से कुमुदनी खाने में स्वादिष्ट, पचने में कड़वी, कफ नाशक और रुधिर विकार, दाह, श्रम, थकान और पित्त नाश करने वाली है।

इसकी जड़ लुआबदार और तीक्ष्ण होती है। यह संकोचक, निद्रा-दायक और पेचिश को दूर करने वाली होती है। इसके फूल कामशक्ति का ह्रास करने वाले होते हैं, इसलिए अधिक मात्रा में सेवन न करें। इसकी जड़ का पिसा हुआ चूर्ण मन्दाग्नि, अतिसार, खूनी अतिसार और बवासीर में लाभ पहुँचाता है। इसके फूलों का काढ़ा दिल की धड़कन में पिलाया जाता है। इसकी तासीर ठण्डी होती है, अतः गर्मी के कारण होने वाले शरीर के उपद्रव इसके सेवन से खत्म हो जाते हैं।

गर्मी में होने वाली घमौरियों, दाने, फोड़े-फुंसी में इसके फूल का लेप गर्मी खींचकर त्वचा को शान्त करता है। रोगी अंग की दाह मिट जाती है।

आयुर्वेदिक मत से नीली कुमुदनी सुगन्धित, शीतल, धातु परिवर्तक, पित्तनाशक, रुचिकारक, शरीर को दृढ़ बनाने वाली और बालों को बढ़ाने वाली होती है।

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