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केसर (Crocus Sativus) के फायदे, उपयोग एंव औषधीय गुण

केसर (Crocus Sativus) के फायदे, उपयोग एंव औषधीय गुण
केसर (Crocus Sativus) के फायदे, उपयोग एंव औषधीय गुण

केसर (Crocus Sativus)

प्रचलित नाम-केसर

उपलब्ध स्थान एवं परिचय- केसर सारे भारतवर्ष में विख्यात है। भारतवर्ष में बनने वाले मिष्ठानों में और देवपूजा में इसका प्रचुरता से उपयोग होता है। इसकी विशेष खेती हिन्दुस्तान में काश्मीर में होती है। इसके अलावा स्पेन से भी काफी बड़ी मात्रा में केशर यहां आकर बिकती है।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

आयुर्वेद – आयुर्वेदिक मत से केशर कड़वा, तीखा, सुगन्धित, गरम, विषनाशक, कृमिनाशक, विरेचक, पोष्टिक, सूखी खांसी में उपयोगी और गले के दर्द, आधा शीशी, दमन, खुजली, त्रिदोष, चर्म रोग तथा मस्तक रोग में लाभकारी है। यह अत्यन्त कामोद्दीपक है; तथा बाजीकरण प्रयोग में इसका प्रयोग काफी अधिक होता है।

1. दालचीनी तथा केसर की गोली बनाकर देने से उदरशूल मिट जाता है।

2. केसर तथा अकरकरा की गोली बनाकर देने से मासिक धर्म शुद्ध होने लग जाता है।

3. करेले के रस में केशर को घिस कर पिलाने से यकृत की वृद्धि मिट जाती है।

4. केसर को घी में खरल करके सुंघाने से आधाशीशी मिटती है। गर्म मसालों में केशर का प्रयोग भोजन को उत्तेजक और शक्तिवर्धक रूप प्रदान करता है।

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