जड़ी-बूटी

कोमल (Prangos Pabularia) के फायदे एंव औषधीय गुण

कोमल (Prangos Pobularia) के फायदे एंव औषधीय गुण
कोमल (Prangos Pabularia) के फायदे एंव औषधीय गुण

कोमल (Prangos Pabularia)

प्रचलित नाम – कोमल।

परिचय- लकीरों से युक्त लम्बे फल वाले इस पेड़ की पैदावार कश्मीर एवं तिब्बत के पहाड़ी इलाकों में होती है।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

इसका फल सुगन्धित, अग्निवर्धक, विरेचक, मूत्रल, ऋतुस्राव नियामक, विष नाशक, यकृत को पुष्ट वाला तथा पेट के अफारा को दूर करने वाला होता है। पेट रोग, गैस, अपच में फल को अच्छी प्रकार कुचलकर रस निकालकर छानकर सुबह, दोपहर, शाम पियें कभी-कभी इसका एक बार सेवन ही आराम पहुंचा देता है। यह प्रदाह और शूल को समाप्त करता है। इसे कटिवात में उपयोग में लाते हैं।

इसकी जड़ें खुजली में लाभकारी होती हैं। ये मूत्रल तथा ऋतुस्राव नियामक होती हैं।

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