जड़ी-बूटी

गुड़मार (Small Indian Ipecacuanha) के फायदे

गुड़मार (Small Indian Ipecacuanha) के फायदे
गुड़मार (Small Indian Ipecacuanha) के फायदे

गुड़मार (Small Indian Ipecacuanha)

प्रचलित नाम- गुड़मार, मेषशृंगी।

उपयोगी अंग- पंचांग ।

परिचय- यह एक काष्ठीय चक्रारोही लता है, जो फैली हुई रहती है। इसकी शाखाएँ रोमश होती हैं। पत्तियां अभिमुखी मृदुरोमश अग्र भाग की ओर से नोकदार होती हैं। पुष्प छोटे-छोटे, पीतवर्णी होते हैं। फलियाँ कठोर नुकीली रहती हैं।

स्वाद- तीखा।

गुण- ग्राही, मूत्रल, यकृतबल्य, हृदय, गर्भाशय बल्य

गुण एवं मात्रा – मधुमेह में, कास श्वासरोग, रजोरोध, रुधिर में इम्युलिन की मात्रा बढ़ जाती है, ग्लूकोज का विघटन करता है। मधुमेह में इसके पत्तों को चबाने से या पत्ते का चूर्ण (एक से दो माशा) गोदुग्ध या शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है। सूजन तथा व्रण पर पत्तों को पीसकर इसका लेप करने से फायदा होता है। सर्पदंश पर इसके मूल को पानी में पीसकर पीना चाहिए तथा लेप करना चाहिए। इसके मूल में वमन और कफ निस्सारक शक्ति होती है। इसके पत्रों को चबाने के पश्चात् जैसे कोई स्वाद नहीं लगता है, इसी वजह से अनेक वैद्यराजों की राय है कि यह जड़ी बूटी मधुमेह पर कार्य कर सकती है, किन्तु अभी तक इसकी प्रामाणिकता सिद्ध नहीं हुई है। यह चबाने पर स्वाद न मिलने के गुण के कारण कुछ मनुष्य सर्पदंश का विष उतारने में इसकी उपयोगिता बताते हैं। इसे चबाकर वमन कराना जरूरी कहा गया है, विष तब ही उतरता है। यदि यह मधुमेह में फायदा न भी करे, फिर भी ब्लडप्रेशर को सामान्य रखने का गुण तो इसमें है ही। मधुमेह में ब्लडप्रेशर का बढ़ना भी एक पीड़ादायक रोग होता है।

मात्रा- पत्र चूर्ण- एक से दो माशा, क्वाथ-50-100 मि.ली. प्रतिदिन।

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