पेशाब रुकने पर घरेलू उपाय-पेशाब रोग का इलाज
धनिया- हरे धनिए की पत्तियों का रस दो तोले और एक तोला शक्कर मिलाकर दें। यदि एक बार देने से कोई लाभ न हो तो दुबारा भी दें।
प्याज- एक किलो पानी में 45 ग्राम प्याज के टुकड़े डालकर औटावें, उबालें। इसे छानकर शहद मिलाकर नित्य 3 बार पिलाने से पेशाब खुलकर तथा बिना कष्ट के आता है। बार बार पेशाब जाना ठीक करता है। यदि पेशाब बन्द हो गया हो तो वह भी आने लगता है।
दूध- गर्म दूध में गुड़ मिलाकर पीने से मूत्राशय के रोगों में लाभ होता है। पेशाब साफ और खुलकर आता है। रुकावट दूर होती है। यह नित्य, एक गिलास दो बार पीयें।
मूली- गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब बनना बन्द हो जाय तो मूली का रस दो औंस प्रति मात्रा पीने से वह फिर बनने लगता है। दो औंस मूली का रस पिलाने से पेशाब के समय होने वाली जलन और वेदना मिट जाती है।
नीबू- नीबू के बीजों को पीसकर नाभि पर रखकर ठण्डा पानी डालें। इससे रुका हुआ पेशाब होने लगता है।
जीरा- जीरा और चीनी—दोनों को समान मात्रा में पीसकर दो चम्मच तीन बार फँकी लेने से रुका हुआ पेशाब भी खुल जाता है।
शलगम– पेशाब रुक-रुककर आने पर एक शलगम और मूली कच्ची ही काटकर खानी चाहिए। रस भी पी सकते हैं।
करमकल्ला- मूत्र की रुकावट में करमकल्ला लाभदायक है। इसकी सब्जी घी में छौंककर खानी चाहिए। इसे कच्चा ही सलाद के रूप में खायें।
नारियल– नारियल मूत्र साफ लाता है। यह नित्य दो बार 50 ग्राम खायें।
ककड़ी—ककड़ी का रस लेने से मूत्र अधिक बनता है तथा मूत्र अधिक मात्रा में आता है। खरबूजा भी मूत्र अधिक लाता है।
केला- केले के तने का रस चार चम्मच, घी दो चम्मच मिलाकर नित्य दो बार पिलाने से बन्द हुआ पेशाब खुलकर आता है। यह मूत्राघात का उत्तम नुस्खा है। इस रस में मिला हुआ घी पेट में नहीं ठहर सकता और पेशाब शीघ्र आ जाता है।
चावल-आधा गिलास चावल के माण्ड में स्वादानुसार चीनी मिलाकर दो बार पिलायें। पेशाब की रुकावट दूर हो जायेगी।
गाजर- गाजर के रस का एक गिलास नित्य पीते रहने से पेशाब साफ आता है, पेशाब करते समय दर्द, जलन, मूत्रकृच्छ ठीक हो जाता है।
अदरक- पेशाब के समय दर्द और रक्त आता हो तो सौंठ पीस कर छान कर दूध में मिश्री मिलाकर दो बार सुबह और शाम को पिलावें। सौंठ सुखाई हुई अदरक है।
धनिया- मूत्रकृच्छ (पेशाब में रक्त आना और रुकावट)। रात को कोरी हाँडी में आधा किलो उबलता हुआ पानी भर कर उसमें तीस ग्राम अधकचरा कुटा धनिया डाल दें। प्रातः उसे मसलकर छान कर 30 ग्राम बतासे डाल दें। इसे दिन भर में पाँच बार पाँच हिस्से करके पिला दें। पेशाब में रक्त आना, रुकावट, दर्द, जलन, बेचैनी में लाभ होगा।
छोटी इलायची– इलायची को पीसकर दूध के साथ लेने से मूत्र खुलकर आता है तथा मूत्रदाह बन्द हो जाता है।
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