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विदारीकंद के फायदे एवं औषधीय गुण | Benefits and Medicinal Properties of Pueraria Tuberosa in Hindi

विदारीकंद के फायदे एवं औषधीय गुण | Benefits and Medicinal Properties of Pueraria Tuberosa in Hindi
विदारीकंद के फायदे एवं औषधीय गुण | Benefits and Medicinal Properties of Pueraria Tuberosa in Hindi

विदारीकंद (Pueraria Tuberosa )

प्रचलित नाम- इक्षुगदा, विलाकंद, विदारीकंद ।

उपयोगी अंग- मूल कंद और इनका सत।

परिचय – यह एक फैलने वाली बृहद् लता होती है, इसका कांड पोला होता है। पत्ते पक्षवृत, त्रिपत्रक, पार्श्व पत्ते तिरछे होते हैं, जबकि अग्र पत्ता तिर्यगायताकार, अधरतल सघन शिराओं से युक्त होता है । फूल नीले रक्तवर्णी मंजरियों में होते हैं। फलियाँ लम्बी तथा चपटी होती हैं।

स्वाद – मीठा रस ।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

प्रशामक, दाहशामक, शोथहर, बल्य, शुक्रवर्धक, मूत्रल, रसायन, दुग्धवर्धक । इसका कंद दुग्धवर्धक, शुक्रवर्धक, स्वर को उत्तम बनाने वाला, जीवनी शक्ति बढ़ाने वाला शक्ति तथा कांति बढ़ाने वाला, वायु तथा दाह को समाप्त करने वाला होता है। यह स्त्रीमद और पुरुषमद उत्तेजक है।

शोथ पर- कंद को पीसकर इसका कल्क शोथयुक्त भाग पर बांधने से फायदा होता है।

बल तथा दुग्ध वृद्धि के लिये इसके मूल कंद के सेवन से फायदा होता है।

मूत्रकृच्छ्र में इसके कंद से पकाया हुआ अथवा इसके कंद से सिद्ध किया हुआ घी सेवन से फायदा होता है। वाजीकरण के रूप में विदारीकंद के चूर्ण में विदारीकंद में से बहुलता से निकलने वाले रस से 21 भावनाएं देनी चाहिए। इस चूर्ण को शहद और घी से चाटने पर शरीर में शक्ति आती है।

विषम ज्वर में विदारी तथा इक्षु का स्वरस शहद, दुग्ध व घृत के साथ पिलाना लाभकारी है।

औषधि पित्तशूल में- विदारी के स्वरस में सिता डालकर पिलाने से पित्तशूल तुरंत समाप्त हो जाता है। अधिक रक्तस्राव फौरन बंद हो जाता है। इसके कंद के चूर्ण का सेवन शहद के साथ करने से प्रसूता के स्तन में वृद्धि होती है। जो बच्चे अशक्ति, अतिसार तथा पोषण के अभाव से रोगग्रस्त होते हैं, उन्हें विदारीकंद का पाक खिलाने से तुरन्त लाभ होता है।

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