स्वप्नदोष रोकने के उपाय – Swapandosh Rokne Ke Upay in Hindi
वीर्य अंडकोषों में बनता है। अंडकोष की दो छोटी-सी थैलियाँ लिंग के नीचे लटकी रहती हैं। उनमें वीर्य लगातार बनता रहता है। फलस्वरूप, वीर्य को रखने के लिए वहाँ स्थान की कमी पड़ जाती है। इसलिए अण्डकोष वीर्य को बार-बार बहा कर नए, ताजा वीर्य को रखने के लिए जगह बनाते हैं। इस तरह वीर्य का बाहर निकलना स्वप्न दोष है। इस प्रकार स्वप्न दोष होना प्राकृतिक क्रिया है। बार-बार स्वप्न दोष होने से पुरुष को किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक हानि नहीं होती। अत्यधिक स्वप्न दोष होने को निम्न उपायों से रोका जा सकता है।
जामुन- चार ग्राम जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से स्वप्न दोष ठीक हो जाता है।
आँवला–(1) एक मुरब्बे का आँवला नित्य खाने से स्वप्न दोष में लाभ होता है। (2) काँच के गिलास में 20 ग्राम पिसा हुआ सूखा आँवला डालें। इसमें 60 ग्राम पानी भरें और फिर बाहर घंटे भीगने दें। फिर छानकर इस पानी में एक ग्राम पिसी हुई हल्दी डालकर पीयें। यह युवकों के स्वप्नदोष के लिए अच्छी औषधि है। आँवला वीर्य की निर्बलता दूर करता है।
अनार- पिसे हुए अनार के छिलके 5-5 ग्राम सुबह-शाम पानी से लेने से स्वप्न दोष नहीं होता।
केला– केला स्वप्नदोष और प्रमेह में लाभदायक है। दो केले खाकर ऊपर से गरम दूध तीन महीने नित्य पीयें। एक पाव
लहसुन- लहसुन की दो कली के टुकड़े करके पानी से निगल जायें। इससे स्वप्न दोष नहीं होगा। यह प्रयोग रात को सोते समय हाथ-पैर धोकर नित्य करें।
प्याज- दस ग्राम सफेद प्याज का रस, अदरक का रस आठ ग्राम, शहद पाँच ग्राम, घीतीन ग्राम मिलाकर रात्रि को सोते समय पीने से स्वप्न दोष नहीं होता। यह नित्य लें।
धनिया-(1) धनिये को पीसकर मिश्री मिलाकर ठण्डे जल से लेने से स्वप्न दोष, मूत्र की जलन, सुजाक, उपदेश में लाभ होता है। जो लोग चाहते है कि कामवासना न सताये, वे 12 ग्राम सूखा धनिया पीसकर पानी में मिलाकर कुछ दिन पीयें।
(2) सूखा धनिया कूट, पीसकर छान लें। इसमें समान मात्रा में पिसी हुई चीनी मिलायें। सुबह भूखे पेट रात के बासी पानी से एक चाय के चम्मच की फँकी लें और एक घण्टे तक कुछ न खायें, पीयें। इसी प्रकार एक-एक खुराक शाम को 5 बजे सवेरे के पानी से लें। यदि कब्ज हो तो रात को सोते समय दो चम्मच ईसबगोल की भूसी गरम दूध से लें। इससे स्वप्न दोष होना बहुत जल्दी बन्द होता है।
तुलसी- तुलसी की जड़ के छोटे-छोटे टुकड़े पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है। रात को गरम दूध न पीयें। सीधे चित्त न सोयें। किसी करवट के बल सोयें और सोते समय हाथ, मुँह धोकर सोयें। सवेरे जल्दी उठें। बुरे मित्रों, खराब आदतों से बचें। स्नान करते समय मूत्रेन्द्री को अच्छी तरह धोकर साफ करें। वीर्य-नाश से रोग-निरोधक शक्ति दुर्बल होती है। स्वप्न दोष वालों को हल्का गरम दूध रात को सोने से 3 घण्टे पहले पीना चाहिए। दूध पीकर तुरन्त नहीं सोना चाहिए।
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