हिचकी (Hiccough)
स्नायुओं में कुछ उत्तेजना होने से मध्यपट में अचानक सिकुड़न होती है, जिससे हिचकी चलने लगती है। अन्दर लिया जाने वाला साँस स्वर-यन्त्र के बन्द होने से उसी अवस्था में बीच में अचानक रुक जाता है।
हिचकी अपच में चलती है परन्तु कभी-कभी यह किसी घातक रोग का लक्षण भी हो सकती है। स्नायविक विकृति में यह मिरगी, मस्तिष्क-शोथ, तन्द्रा (Encephalitis Lethargica), हिस्टीरिया रोग का लक्षण है। हिचकी प्रायः वृक्कशोथ (Nephritis) या मूत्र-रक्त दोष (Uraemia) में आती है। यह धनुस्तम्भ (Tetanus), जल भीति (Hydrophobia), कुचला – सत विषाक्तता (Strychnine poisoning) से जाती है।
हिचकी यदि अपच से हो तो पानी में खाने का सोडा डालकर एक गिलास पीने से ठीक हो जाती है। हिचकी के रोगी को गरम दूध या गरम पानी के अतिरिक्त खाने को कुछ भी नहीं दें। इससे पाकस्थली की उत्तेजना शान्त होकर हिचकी भी अपने आप शान्त हो जायेगी। दूध या जल भी ज्यादा गरम न होना चाहिए। भोजन भी पेट भर कर नहीं करना चाहिए। साँस जितनी देर अधिक-से-अधिक रोक सकें, रोकने से हिचकी बन्द हो जाती है। हिचकी के रोगी का ध्यान किसी एक ओर केन्द्रित करने से हिचकी बन्द हो जाती है। यदि किसी विषम स्थिति के कारण हिचकी आ रही हो तो निद्राकारक औषधि देने से हिचकी बन्द हो जाती है। कोई मीठी चीज जैसे दानेदार चीनी, मिश्री मुँह में रखकर चूसने से हिचकी बन्द हो जाती है। मूली के पत्ते खाने से हिचकी रुक जाती है। पोदीने के पत्ते या नीबू चूसने से हिचकी बन्द होती है। पोदीने के पत्तों पर शक्कर डालकर भी चबा सकते हैं।
हिचकी रोकने के घरेलू उपाय | Home Remedies for Hiccups
नीबू- नीबू का रस, शहद- ये दोनों एक-एक चम्मच; स्वादानुसार काला नमक मिलाकर पीने से हिचकी बन्द हो जाती है। जब तक हिचकी बन्द न हो, हर 20 मिनट से लेते रहें ।
प्याज-प्याज काट कर नमक डालकर हर घंटे से खाने से हिचकी बन्द हो जाती है।
उड़द—साबुत उड़द जलते हुए कोयले, आग पर डालें और धुएँ को सूँघें। हिचकी मिटेगी।
नमक- (1) सेंधा नमक, काला नमक और नित्य काम आने वाला नमक ये तीनों समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। इसकी आधी चम्मच गर्म पानी में मिलाकर पीयें। हिचकी बन्द हो जायेगी। जिन बीमारियों में नमक बन्द किया हो, उनमें यह नहीं लें।
(2) साठ ग्राम पिसी हुई राई आधा किलो पानी में उबालें। चौथाई पानी रहने पर स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर हर घंटे से पिलाते रहने से हिचकी बन्द हो जाती है।
(3) सेंधा नमक पानी में घोलकर नाक में टपकाने से हिचकी बन्द हो जाती है।
मूली—मूली के चार पत्ते खाने से हिचकी बन्द हो जाती है। ये हर तीन घंटे से लें।
पोदीना—हिचकी बन्द नहीं हो तो पोदीने के पत्ते या नीबू चूसें। पोदीने के पत्तों पर शक्कर डालकर भी चबा सकते हैं। हर दो घंटे से लेते रहें।
गुड़- पुराना गुड़ पीसकर इसमें पिसी हुई सौंठ मिलाकर सूँघने से हिचकी चलना बन्द हो जाती है। मटर के बराबर गोली बनाकर चूसें भी।
सोडा वाटर-कोल्ड ड्रिन्क की दुकान से सोडा की बोतल लेकर पिलाने से हिचकी बद हो जाती है।
दूध-गर्म दूध पीने से हिचकी बन्द हो जाती है। यह तीन बार नित्य पीयें।
अदरक – (1) सौंठ पानी में घिसकर सूँघने से हिचकी बन्द हो जाती है।
(2) सौंठ, पीपल, आँवला और मिश्री-इन सबको पीसकर शहद के साथ तीन ग्राम हर दो घंटे से चाटने से हिचकी में लाभ होता है।
(3) अदरक के बारीक टुकड़े चूसने से हिचकी फौरन बन्द होती है। बार-बार चूसें।
घी–थोड़ा-सा गरम-गरम देशी घी पी लेने से हिचकी बन्द हो जाती है। घी या पानी में सेंधा नमक पीसकर मिलाकर सूँघने से भी हिचकी बन्द हो जाती है।
गन्ना (Sugar-Cane) —गन्ने का रस पीने से हिचकी बन्द हो जाती है।
काली मिर्च-एक काली मिर्च सूई में चुभोकर जलायें और इसका धुआँ सुँघायें। इससे हिचकी बन्द हो जाती है। नित्य तीन बार करें।
दालचीनी–दालचीनी चबाकर चूसें। हिचकी बन्द हो जायेगी। हिचकी चलने पर पुनः चूसे इलायची–हर दो घंटे से इलायची खाने से हिचकी बन्द हो जाती है। शहद-प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से हिचकी बन्द हो जाती है। केवल शहद चाटने से भी हिचकी बन्द हो जाती है।
राई – 10 ग्राम राई, 250 ग्राम पानी में उबाल कर छान कर गुनगुना रहने पर पिलाने से हिचकी बन्द हो जाती है, हिचकी चाहे किसी भी कारण से हो । हींग- हिचकी अधिक आती हो तो बाजरे के बराबर हींग को गुड़ या केले में रखकर खायें।
तुलसी-12 ग्राम तुलसी का रस, 6 ग्राम शहद-दोनों को मिलाकर पीने से हिचकी बन्द हो जाती है। यह तीन बार नित्य पीयें।
श्वास रोकने, अकस्मात् डराने या गुस्सा दिलाने या खुशी की बात कहने से भी प्रायः हिचकी बन्द हो जाती है।
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