पेट के कीडों(कृमि) के घरेलू उपाय
कृमि आँतों में पाये जाते हैं। कभी-कभी ये मल द्वार पर आ जाते हैं, दिखाई देते हैं। टट्टी के साथ निकलते हैं। यह रोग बहुतायत में फैला हुआ है। दवा लेने से कृमि, कीड़े बाहर तो निकल आते हैं, लेकिन बनना बन्द नहीं होता। खान-पान को सुधार कर इस रोग से बचा जा सकता है।
कृमि के रोगियों को शाम को मीठा दलिया खिलाकर प्रात: जुलाब देने से विशेष लाभ होता है। आँतों में मल जमा होने से कृमि पैदा होते हैं, अतः पेट साफ रखना चाहिए। कभी-कभी एनिमा भी लेना उपकारी है। ज्यादा मीठा खाने से भी कृमि पैदा होते हैं, अतः मीठा कम खाना चाहिए। सबसे पहले तीन दिन तक घी और काली मिर्च मिलाकर लें। इससे मल फूल जाता है और आँतें मुलायम हो जाती हैं। फिर कब्ज में बताई गई कोई चीज लें। इससे दस्त साफ आने लगेगा। पेट की सारी गन्दगी बाहर निकल जायेगी। इसके बाद एक दिन गुड़ खायें। इससे पेट के सारे कीड़े एक जगह जमा हो जायेंगे। फिर कृमिनाशक दवा लेने से सब बाहर निकल जायेंगे। यहाँ बताई गई खाने-पीने की चीजें नियमित कुछ सप्ताह लेने से कृमि नष्ट हो जाते हैं।
हरड़-हरड़ तथा वायबिडंग समान मात्रा में पीस कर बच्चों को चौथाई चम्मच, बड़ों को एक चम्मच गर्म पानी से नित्य सुबह-शाम खाने के बाद फँकी देने से कृमि नष्ट हो जाते हैं।
पपीता—पपीते के दस बीज पानी में पीस कर चौथाई कप पानी में मिलाकर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। यह लगातार सात दिन लें।
लहसुन–पाँच कली लहसुन की मुनक्का या शहद के साथ नित्य तीन बार सेवन करने से पेट के कृमि मर जाते हैं। दो-तीन माह सेवन करने से स्वास्थ्य उत्तम हो जाता है। कच्चा लहसुन खाने के बाद लेने से भी कृमि मर जाते हैं।
करेला – कृमि में करेला का रस पीना अच्छा है।
छाछ-छाछ में नमक मिलाकर प्रातः पीने से कृमि मर जाते हैं।
तुलसी- तुलसी की पत्तियों का रस पीने से पेट के कीड़े (कृमि) मर जाते हैं।
नीम—नीम का तेल पाँच बूँद तक बालकों की आयु के अनुसार देने से पेट के कृमि मर जाते हैं।
शहद — सुबह-शाम शहद लेने से कृमि में लाभ होता है— ई.एफ. फैरिंगटन : थेराप्यूटिक पोइन्टरस एण्ड लेसर राइटिंग्स। दो भाग दही, एक भाग शहद मिलाकर चाटने से कृमि मर कर मल के साथ बाहर आ जाते हैं।
अनार – अनार का रस नित्य पीने से कृमि नष्ट हो जाते हैं।
नारियल – नारियल का पानी पीकर कच्चा नारियल खाने से कृमि निकल जाते हैं।
पेठा—पेठे के सेवन से कृमि नष्ट हो जाते हैं।
बथुआ-कच्चे बथुए के रस के एक कप में स्वादानुसार नमक मिला कर एक बार नित्य पीते रहने से कृमि मर जाते हैं। बथुए के बीज पिसे हुए, एक चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से भी कृमि मर जाते हैं।
परवल- परवल का साग कृमि नाशक है।
पोदीना — आन्त्र कृमि में पोदीने का रस आधा कप नित्य पीयें।
गुड़—गुड़ कृमि नाशक है । औषधि से पहिले रोगी को गुड़ खिलावें। इससे आँतों में चिपके कृमि निकलकर गुड़ खाने लगेंगे फिर कृमिनाशक औषध से कृमि बाहर आ जायेंगे। एक चम्मच अजवाइन पीस कर गुड़ में मिला कर तीन बार खाने से कृमि निकल जाते हैं। में
हींग — छोटे बच्चों की गुदा में कृमि रेंगते हुए कभी-कभी दिखाई देते हैं। हींग को पानी में घोलकर रूई का फोया भिगोकर बच्चों की गुदा पर रखने से कृमि नष्ट हो जाते हैं। सूक्ष्म मात्रा में हींग खिलाने से बच्चों के पेट में कीड़े नहीं होते।
टमाटर- लाल टमाटरों पर काली मिर्च, नमक, डाल कर प्रात: भूखे पेट खाने से कृमि मर जाते हैं।
प्याज–पेट में कृमि होने पर प्याज का रस एक चम्मच दो-दो घण्टे से पिलाने से कीड़े मर जाते हैं।
नीबू—यदि पेट में कृमि उत्पन्न हो गये हैं तो नीबू के बीज को पीस कर चूर्ण बना लें और चौथाई चम्मच पानी के साथ दिन में एक बार 7 दिन लगातार लें। पेट के कृमि नष्ट हो जायेंगे।
सेब-दो सेब रात को कुछ दिन खाने से कृमि मरकर मल के साथ बाहर आ जाते हैं। सेब खाने के बाद रात भर पानी न पीयें।
आम-आम की गुठली का चूर्ण गरम पानी के साथ दो ग्राम देने से पेट के चुन्ने (कीड़े) मर जाते हैं।
आँवला-एक औंस ताजे आँवले का रस नित्य 5 दिन पीने से कृमि नष्ट हो जाते हैं।
अनन्नास—यह कृमिनाशक है। एक गिलास रस नित्य पीयें।
पोदीना-पोदीने का रस कृमि मारता है। 7 दिन पीयें।
शहतूत —यह या इसका शर्बत पेट के कृमियों को नष्ट करता है।
गाजर—गाजर का रस आधा पाव नित्य प्रातः भूखे पेट दो सप्ताह तक पीने से पेट के कृमि निकल जाते हैं। कच्ची गाजर खाना भी लाभप्रद है।
अखरोट — कुछ दिन एक अखरोट खिलाकर दूध पिलायें। इससे बच्चों के कृमि निकल जाते हैं।
काली मिर्च–काली मिर्च एक ग्राम पीसकर छाछ या मट्ठे के साथ देने से पेट के कृमि दूर हो जाते हैं।
अजवाइन-इसका चूर्ण 4 ग्राम एक गिलास छाछ के साथ देने से पेट के कृमि नष्ट हो जाते हैं। इसका तेल 7 बूँद तक देने से उदर-कृमि नष्ट हो जाते हैं।
पानी—कृमि होने पर खाना खाने के आधे घण्टे बाद गरम-गरम पानी, जितना गरम पीया जा सके, लगातार पीते रहने से कृमि नष्ट हो जाते हैं।
नमक –आधा चम्मच नमक सुबह-शाम खाना खाने से पहले गर्म पानी से फँकी नित्य 10 दिन तक लें। इससे कृमि निकल जायेंगे और पैदा नहीं होंगे। केंचुए जैसे कीड़े भी पेट से निकल जायेंगे।
मसूर-मसूर की दाल खाना कृमि होने पर लाभदायक है।
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