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फोड़े फुंसी के घरेलू उपाय और नुस्खे – Home remedies for abscess in hindi

फोड़े फुंसी के घरेलू उपाय
फोड़े फुंसी के घरेलू उपाय

फोड़े फुंसी के घरेलू उपाय, नुस्खे और उपाय

अमरूद— फोड़े, फुन्सी, रक्त विकार, खुजली हो गई हो तो चार सप्ताह तक नित्य दोपहर में 250 ग्राम अमरूद खायें। इससे पेट साफ होगा, बढ़ी हुई गर्मी दूर होगी, रक्त साफ होगा और फोड़े, फुंसी, खुजली ठीक हो जायेगी।

हरड़- फोड़ा पक गया हो तो हरड़ को जला कर बारीक पीस कर वैसलीन में मिलाकर मरहम बना कर लगायें। एक चम्मच पिसी हुई हरड़ एक गिलास पानी में उबाल कर पानी छान कर हल्के गर्म पानी से फोड़े का सेक करें, धोयें, खुजली ग्रस्त जगह को भी धो सकते हैं। लाभ होगा।

बथुआ- फोड़े, फुन्सी, सूजन पर बथुए को कूटकर, सौंठ और नमक मिलाकर गीले कपड़े में बाँध कर, कपड़े पर गीली मिट्टी लगाकर आग, भोभल में सेंकें। सिकने पर यह गर्म-गर्म बाँधे, फोड़ा बैठ जायेगा या पक कर शीघ्र फूट जायेगा।

मसूर की दाल- मसूर के आटे की पुल्टिस लगाने से फोड़े शीघ्र फूट कर मवाद सूख जाती है। जीरा-दूध पिलाने वाली स्त्री के स्तन में गाँठ, फोड़ा हो जाये तो जीरे को पानी में पीस कर स्तन पर लगाने से लाभ होता है।

धतूरा- धतूरे के पत्ते पर घी लगाकर गर्म करके फोड़े पर बाँधने से दर्द ठीक हो जाता है, फोड़ा बैठ जाता है।

लाल मिर्च- फोड़े-फुन्सियों पर लाल मिर्च पीस कर लगायें।

पानी- फोड़े पर पहले तीन मिनट गर्म पानी से सेक करें। फिर एक मिनट ठंडे पानी में सेक करें। इस प्रकार दस मिनट सुबह-शाम दो बार सेकने से आशातीत लाभ होता है।

गाजर — गाजर की गर्म पुल्टिस बाँधने से फोड़े-फुन्सियों में लाभ होता है। यह फोड़े फुन्सियों के जमे हुए रक्त को पिघला देती है।

इमली– फोड़े, फुन्सी, व्रण होने पर इमली को पानी में मथकर, मिलाकर पीने से लाभ होता है।

प्याज- यदि गाँठ या फोड़ा पक गया हो, असह्य दर्द हो रहा हो तो प्याज को कूट-पीसकर, उसमें हल्दी, गेहूँ का आटा, पानी और शुद्ध घी मिलाकर थोड़ी देर आग पर रखकर पकाकर
पुल्टिस बना लें, फिर गरम-गरम, फोड़े या गाँठ पर बाँधें। इससे फोड़ा फूट जायेगा, ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं रहेगी।

लहसुन— फोड़ा, जख्म होने पर लहसुन का प्रयोग बढ़ा देने पर जल्दी ठीक होते हैं। फोड़े, फुन्सी होने पर प्रारम्भ में ही लहसुन का लेप करना अच्छा है, मवाद पड़ने पर उपयोगी नहीं है। जिन फोड़ों में कीड़े पड़ जाते हैं उन पर लहसुन लगाने से वे अच्छे हो जाते हैं। विस्तार से जानने के लिए मेरी पुस्तक ‘लहसुन एवं प्याज’ पढ़ें।

चावल – पिसे हुए चावलों की पुल्टिस सरसों के तेल में बनाकर बाँधने से फोड़ा फूट जाता है एवं पीव (Pus) निकल जाती है।

उड़द- यदि फोड़े से गाढ़ी और अधिक पीव निकले तो उड़द की पुल्टिस बाँधे ।

दही- फोड़े में सूजन, दर्द, जलन हो तो पानी निकाला हुआ दही बाँधें। एक कपड़े में दही डालकर पोटली बाँधकर लटका दें। इससे दही का पानी टपक जायेगा। फिर इसे फोड़े पर लगाकर पट्टी बाँध दें। दिन में तीन बार पट्टी बदलें।

अजवाइन—फोड़े, फुन्सी की सूजन हो तो अजवाइन को नीबू के रस में पीसकर लेप करें।

मेहँदी- मेहँदी को उबालकर इसके पानी से धोने से फोड़े-फुन्सी में लाभ होता है।

नीम- फोड़े की पहली हालत में नीम के पत्ते पानी के साथ पीसकर लेप करने से बैठ जाते हैं। बैठ जाने की हालत नहीं रहने पर, अर्थात् फोड़े के बीच वाली हालत में नीम के पत्ते शहद के साथ पीसकर लेप करने से फोड़ा पककर फूट जाता है। फूट जाने के बाद नीम के पत्तों को पीसकर घी के साथ गरम करके लेप करने से घाव सूख जाता है। नीम के पत्तों को पानी में उबाल कर घावों को धोना चाहिए। इसकी छाल घिसकर फुन्सियों पर लगाने से लाभ होता है। नीम के पत्तों को गरम करके बाँधने से भी फोड़ों में लाभ होता है।

फोड़े-फुन्सी की मलहम- रक्त-विकार के कारण फोड़े-फुन्सी होकर घाव हो जाते हैं। घाव सरलता से ठीक नहीं होते। इन पर नीम की मलहम लाभ करती है। विधि-175 ग्राम नीम के पत्ते पीसकर लुगदी बना लें। ताँबे के बर्तन इतना ही सरसों का तेल डालकर गरम करें। जब तेल में धुआँ आने लगे तो यह लुगदी तेल में डालें, जब काली पड़ जाये तो उतार लें, ठण्डा होने दें। फिर इसे इसी तेल में कपूर डाल कर पीस लें। मलहम तैयार है, इसे फोड़े, फुन्सियों पर लगायें।

दोब—पके फोड़े पर रोज दोब पीस कर लेप करने से फोड़ा फूट जाता है।

मिट्टी- फोड़ा बड़ा और कठोर हो, फूट न रहा हो तो उस पर गीली मिट्टी का लेप करें। इससे फोड़ा फूटकर मवाद बाहर आ जायेगी। बाद में गीली मिट्टी की पट्टी बाँधते रहें। 

तुलसी– तुलसी के पत्ते पानी में उबालकर उस पानी से फोड़ों को धोयें। ताजा पत्ते पीसकर फोड़ों पर लगायें। तुलसी के पत्तों का रस 250 ग्राम, नारियल का तेल 250 ग्राम दोनों को मिलाकर धीमी आँच पर गरम करें। जल का भाग जल जाने पर गरम तेल में ही 12 ग्राम मोम डालकर हिलायें। यह मलहम लगाना लाभदायक है।

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