उल्टी रोकने के घरेलू उपाय
केला–पका हुआ केला खाने से रक्त की उलटी होना बन्द हो जाता है।
पिस्ता-चार पिस्ता खाने से उलटी, जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
फूल गोभी-फूल गोभी में क्षारीय (Alkaline) तत्त्व होते हैं, यह रक्त शोधक है। रक्त की उलटी में इसकी सब्जी खाने से या कच्ची ही खाने से लाभ होता है। क्षय रोगी इसे लें।
पोदीना—उलटी में आधा कप पोदीने का रस हर दो घण्टे में पिलायें। इसमें नीबू भी मिला सकते हैं। हरा धनिया और पोदीने की चटनी बार-बार खाने से लाभ होता है।
धनिया – (1) धनिया उबाल कर मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है।
(2) हरा धनिया कूट कर, निचोड़ कर इसका 33 ग्राम रस पिलाने से उलटी रुक जाती है। गर्भवती की उलटी भी बन्द हो जाती है। इसे बार-बार पिलायें।
हरड़-हरड़ को पीसकर शहद में मिलाकर चाटने से उलटी बन्द हो जाती है।
जीरा-चार नीबूओं का रस, 50 ग्राम सेंधा नमक, 125 ग्राम जीरा डालकर भीगता रहने दें। भीगते-भीगते जब नीबू का रस सूख जाये और सूखा जीरा ही बच जाये तब उसे निकाल कर शीशी में भरें। नित्य तीन बार इसका आधा-आधा चम्मच लें। इससे गर्भावस्था की उलटी रुकेगी।
अदरक – (1) उलटी रोकने में अदरक बहुत गुणकारी है। अदरक का रस 1 चम्मच लेकर जरा-सा सेंधा नमक व कालीमिर्च बुरक लें और चाट लें। आवश्यकता पड़े तो घंटे भर बाद 1 खुराक और ले लें।
(2) अदरक का रस + प्याज का रस + पानी प्रत्येक एक-एक चम्मच मिला कर पीने से उलटी बन्द हो जाती है।
प्याज-अदरक और प्याज का रस दो चम्मच पिलाने उलटी बन्द हो जाती है। शहद-प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से उलटी बन्द हो जाती है।
तुलसी- तुलसी की पत्तियों का रस पीने से उलटी बन्द हो जाती है। शहद और तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर चाटने से भी उलटी, जी मिचलाना ठीक हो जाता है।
नीम-25 ग्राम नीम के पत्ते पीसकर 125 ग्राम पानी में छान कर पीने से सभी प्रकार की उलटियाँ ठीक हो जाती है।
तरबूज- खाने के बाद कलेजा जले, फिर पीली-पीली उलटी हो तो प्रातः तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर पीयें।
चावल- गर्भावस्था की है। 50 ग्राम चावल, 250 ग्राम पानी में भिगो दें। आधे घण्टे भीगने के बाद 5 ग्राम सूखा धनिया भी डाल दें। दस मिनट बाद मलकर छान लें। इसके चार हिस्से करके चार बार में पिलायें। गर्भिणी को चटायें, क्रै बन्द हो जायेगी।
लौंग – ( 1 ) गर्भिणी के वमन में, दो लौंग पीसकर शहद के साथ गर्भिणी को चटायें, क़ै बन्द हो जायेगी। लौंग को आग पर सेक कर चूसने से उलटी बन्द हो जाती है। जब भी उलटी हो सेकी हुई लौंग चूसें।
(2) चार लौंग कूटकर एक कप पानी में डाल कर उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर स्वाद के अनुसार मीठा मिलाकर पीकर करवट लेकर सो जायें। दिन भर में ऐसी चार मात्रा लें। उलटियाँ बन्द हो जायेंगी।
(3) उलटी बन्द करने के लिए दो लौंग और जरा-सी दालचीनी एक कप पानी में उबालें। आधा पानी रहने पर छान कर पिलायें। इस तरह जब भी उलटी हो तो पिलाते रहें। उलटियाँ बन्द हो जायेंगी।
आँवला–यदि गर्भावस्था में क़ै, उलटी हो तो दो-दो मुरब्बे के आँवले नित्य चार बार खिलाने से क़ै बन्द हो जायेगी।
नीबू — जी मिचलाना आरम्भ होते ही नीबू का सेवन करना चाहिए। इससे उलटी नहीं होती। नीबू में शक्कर और काली मिर्च दोनों भरकर चूसने से भी उलटी बन्द होती है। ठण्डे पानी में नीबू और शक्कर मिलाने से नीबू का शर्बत बन जाता है। यह मिचली और उलटी ठीक करता है। नीबू के रस की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर पिलायें, शिशु दूध नहीं उलटेगा। पोदीना और नीबू दोनों एक साथ सेवन करने से भी उलटी बन्द हो जाती है। नीबू में इलायची भर कर चूसने से भी लाभ होता है। उलटी में नीबू को गरम नहीं करना चाहिए।
नारंगी- (1) क़ै और जी मिचलाने पर नारंगी के सेवन से लाभ होता है। मोटर आदि से यात्रा करते समय नारंगी का सेवन करते रहना चाहिए।
(2) नारंगी के सूखे छिलके पीसकर उसकी दुगनी मात्रा में चीनी मिला कर पुन: पीस लें। इसकी दो चम्मच हर दो घंटे से ठंडे पानी से फँकी लेने से उलटी होना बन्द हो जाता है।
इमली–पकी इमली को पानी में भिगोकर रस पीने से उलटी ठीक हो जाती है।
चना- रात को चने भिगो दें। प्रातः इनका जल निकाल कर पीयें। गर्भवती को उलटी हो तो भूने हुए चने का सत्तू पिलायें।
गन्ना – पित्त की उलटी होने पर गन्ने के रस में शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
दालचीनी–पित्त की उलटी हो तो दालचीनी पीस कर शहद में मिलाकर चाटें।
राई–दुस्साध्य उलटियों को रोकने के लिए राई का लेप आश्चर्यजनक वस्तु है। राई पीस कर, पेट पर गीला मलमल का कपड़ा बिछा कर उस कपड़े पर राई का लेप कर दें। इसे 15 मिनट रहने दें। फिर हटा दें। उलटियाँ बन्द हो जायेंगी। यह अनुभूत है।
बर्फ-बार-बार उलटी होने पर बर्फ चूसने से उलटी बन्द हो जाती है।
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