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अनियमित पेशाब या बहुमूत्रता के घरेलू उपचार | Polyuria in Hindi

अनियमित पेशाब या बहुमूत्रता के घरेलू उपचार
अनियमित पेशाब या बहुमूत्रता के घरेलू उपचार

अनियमित पेशाब या बहुमूत्रता (Polyuria)

अधिक मात्रा में मूत्र करना बहुमूत्रता रोग है। स्नायविक कारणों से मूत्र अधिक आता है। किसी गम्भीर बीमारी, जैसे-मधुमेह (Diabetes), गुर्दों की सूजन से भी मूत्र अधिक आता है। बुखार के बाद कुछ समय मूत्र अधिक आता है। इसमें मूत्र बार-बार अधिक मात्रा में होता है। बार-बार पेशाब जाना मूत्राशय के लिए अच्छा नहीं है। निम्नलिखित खान-पान की वस्तुओं का नियमित सेवन करने से इस रोग को दूर किया जा सकता है।

हल्दी – पिसी हुई हल्दी की एक चम्मच सुबह-शाम दो बार ठंडे पानी से फँकी लेने से बार बार पेशाब जाना बन्द हो जाता है।

अंगूर – अंगूर खाने से बार-बार पेशाब जाना बन्द हो जाता है। अंगूर नित्य दिन में दो बार 100-100 ग्राम खायें।

आँवला– तीन आँवलों का रस पानी में मिलाकर सुबह-शाम चार दिन पीने से बार-बार पेशाब जाना बन्द हो जाता है।

केला – एक केला खाकर आँवले के रस शक्कर मिलाकर पीयें। बार-बार पेशाब का आना बन्द हो जायेगा। अकेला केला खाने से भी बार-बार पेशाब जाना कम हो जाता है।

अनार- अनार के छिलके पाँच ग्राम की फँकी पानी से लेने से अधिक मूत्र आना कम हो जाता है। यह तीन सप्ताह नित्य दो बार लें। इसके साथ चावल नहीं खायें।

सेब- सेब खाने से रात को बार-बार पेशाब जाना कम हो जाता है।

चाय – चाय पीने से पेशाब अधिक व बार-बार आता है। बहुमूत्र के रोगी चाय नहीं पीयें।

छुहारा – बूढ़े आदमी बार-बार पेशाब जाते हों तो नित्य छुहारे खिलायें। पेशाब बार-बार होने पर दिन में दो बार छुहारे खायें। रात को छुहारे खाकर दूध पीयें।

पालक- रात को बार-बार पेशाब जाना शाम को पालक की सब्जी खाने से कम हो जाता है।

चना- बार-बार पेशाब आने पर एक छटाँक भुने, सिके चने खाकर, ऊपर से थोड़ा-सा गुड़ खायें। दस दिन लगातार खाने से बहुमूत्रता ठीक हो जायेगी। वृद्धों को अधिक दिन यह सेवन करना चाहिए।

मसूर की दाल-मसूर की दाल खाने से बहुमूत्रता में लाभ होता है।

तिल – (1) तिलों में पेशाब कम करने की विचित्र शक्ति है। समान मात्रा में तिल और गुड़ मिलाकर लड्डू बनाकर खाने से अधिक पेशाब जाना बन्द हो जाता है।

(2) अजवाइन– अजवाइन और तिल मिलाकर खाने से बहुमूत्रता ठीक हो जाती है। पेशाब में सफेदी आना- 250 ग्राम गाजर का रस नित्य तीन बार पीयें। पेशाब का रंग पीला हो तो शहतूत के रस में शक्कर मिलाकर पीने से रंग साफ हो जाता है।

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