गेहूँ का रस बनाने की विधि
10-12 गमलों में साफ खाद रहित मिट्टी भर लें। इनमें प्रतिदिन एक गमले में आधी मुट्ठी गेहूँ बोयें और यदा-कदा पानी डालते रहें। गमलों को छाया में रखें। एक गमले में जब पौधे 6 इंच के हो जायें तो उखाड़कर जड़ काटकर फेंक दें और इनको धोकर साफ करके चटनी की तरह पीसकर कपड़े में लुगदी डालकर निचोड़ लें। इस रस को तत्काल नित्य सुबह-शाम पीयें। इस प्रकार गेहूँ बोते रहें और निरन्तर यह विधि चालू रखें। इसके साथ-साथ आधा कप गेहूँ लेकर धोकर किसी बर्तन में दो कप पानी में भिगोकर बारह घण्टे बाद वह पानी सुबह-शाम पीयें। बस, आप देखेंगे कि भयंकर रोग 8-10 या 15-20 दिन बाद भागने लगेंगे और 2-3 महीने में वह मरणप्राय प्राणी एकदम रोग मुक्त होकर पहले के समान स्वस्थ हो जायेगा। रस में नीबू, नमक लेखक को सूचित करें जिससे एक रोगी के प्रयास और परिणाम को देखकर इसका लाभ उठाने नहीं मिलायें। पीने के बाद कुछ समय अन्य कोई चीज न खायें। प्रयोग करके देखें और परिणाम के लिए अन्य रोगियों का मनोबल जाग्रत हो सके। गेहूँ का रस पीते हुए कच्चा खाना, फल, सब्जी, अंकुरित अनाज आदि अधिकाधिक सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है। जैसे
दही- करनाल, 24 जुलाई 1977। राष्ट्रीय डेयरी संस्थान के वैज्ञानिकों ने काफी परिश्रम के बाद अपना यह मत व्यक्त किया कि दही कई प्रकार के कैन्सर की सम्भावना को समाप्त कर देता है। दही का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। यों दही दूध को जमाने से बनता है परन्तु दूध दही के रूप में बदलने पर अपने गुणों में वृद्धि कर लेता है।
पेट का कैन्सर- लहसुन के सेवन से पेट का कैन्सर नहीं होता। कैन्सर होने पर लहसुन को पीसकर पानी में घोलकर कुछ सप्ताह पीने से कैन्सर ठीक हो जाता है। खाना खाने के बाद तीन बार नित्य लहसुन लेने से पेट साफ रहता है। यह पेट की पेशियों में संकोचन पैदा करता है। जिससे आँतों को कम काम करना पड़ता है। यह यकृत को उत्तेजित करता है जिससे ऑक्सीजन एवं रक्त पेट की दीवार की सूक्ष्म नालियों (Capillaries) को मिलता है।
डबल रोटी – नई दिल्ली, 10 जून, 1979 (क्फी) । यदि पेट के कैन्सर से बचाव करना हो तो भोजन में डबल रोटी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए। यह नवीन खोज लीडन विश्वविद्यालय (प.जर्मनी) के आहार विज्ञान प्रोफेसर ग्रोए ने की है। डबल रोटी और कैंसर एक-दूसरे से जुड़े हैं क्योंकि आहार विज्ञान के विशेषज्ञों ने पाया है कि डबल रोटी अन्य खाद्य पदार्थों की अपेक्षा शीघ्र पच जाती है जिससे आँतों का कैंसर होने का खतरा नहीं होता।
कच्चे फल, सब्जियों का रस कैन्सर रोगियों के लिए उत्तम भोजन है।
कैंसर के प्रभावशाली उपचार के लिए आवश्यक है कि आहार में पूरी तरह से परिवर्तन किया जाये, इसके अतिरिक्त पर्यावरण सम्बन्धी सभी कार्बनयुक्त साधनों से बचाव जरूरी है, जैसे—धूम्रपान और कार्सिजोनिक, रसायन, पानी और भोजन ।
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