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अजवायन जंगली (Seseli Indicum) की उपयोगिता तथा औषधीय गुण

अजवायन जंगली (Seseli Indicum) की उपयोगिता तथा औषधीय गुण
अजवायन जंगली (Seseli Indicum) की उपयोगिता तथा औषधीय गुण

अजवायन जंगली (Seseli Indicum)

प्रचलित नाम – अजवायन जंगली, अजगंधिका ।

उपलब्ध स्थान – यह औषधि देहरादून से गोरखपुर तक, हिमालय की तराई में और आसाम से कोरोमण्डल तक तथा बिहार और मध्य बंगाल में पाई जाती है।

परिचय- यह एक प्रकार का सीधा तथा झाड़नुमा एकवर्षजीवी पौधा है। इसकी शाखाएँ 4 से 12 इंच तक लम्बी, सघन, सीधी तथा फैली हुई होती हैं। पत्ते अकसर तीन भागों में विभक्त रहते हैं। इनका प्रत्येक भाग कटा हुआ और नोकदार होता है। इसके पुष्प छत्तेदार, सफेद अथवा हल्के गुलाबी रंग के होते हैं। फल गोल और बारीक, हल्के पीले रंग का होता है।

उपयोगिता तथा औषधीय गुण

1. जंगली अजवायन के बीज खासकर मवेशियों के उपचार में काम आते हैं। यह पेट के अफारे को दूर करने वाला होता है। यह उत्तेजक, शूलनाशक, आंतों को शक्ति देने वाला और पेट के गोल कृमियों को नष्ट करने वाला है।

2. यह पेट के अफारे को भी दूर करता है।

3. ये बीज उत्तेजक, कृमिनाशक तथा अग्निवर्द्धक हैं। इसकी मात्रा 10 रत्ती से लेकर 3 माशे तक की होती है। इतनी मात्रा में लेने से यह औषधि आंतों के कीड़ों को मारने में सफल रहती है।

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