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चौलाई (Amaranthus Spinosa) के फायदे एंव औषधीय गुण

चौलाई (Amaranthus Spinosa) के फायदे एंव औषधीय गुण
चौलाई (Amaranthus Spinosa) के फायदे एंव औषधीय गुण

चौलाई (Amaranthus Spinosa)

प्रचलित नाम – काँटा चौलाई, कंटेनतिया, छोलाई ।

उपलब्ध स्थान — यह वर्षा ऋतु में भारतवर्ष में सर्वत्र पैदा होती है।

विवरण- यह चौलाई नामक तरकारी ही की एक जाति होती है, मगर इसके पौधे पर कांटे होते हैं। इस पौधे का तना लाल रंग का रहता है। इसके पत्ते चौड़े, लम्बगोल और लम्बे डंठल वाले होते हैं। इसके पुष्प है पीलापन लिये हुये लाल रंग के होते हैं।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

आयुर्वेदिक मत से यह वनस्पति शीतल, मूत्रल, गर्भाशय की वेदना को दूर करने वाली, दूध बढ़ाने वाली, गर्भाशय को शक्ति देने वाली तथा विषनाशक होती है।

सुजाक की प्रथम और दूसरी अवस्था में भी यह औषधि अधिक लाभदायक है। इसकी जड़, मुलेठी और अपामार्ग को समान मात्रा लेकर, उसका क्याथ पिलाने से मूत्रवृद्धि होकर सुजाक समाप्त हो जाता है।

  1. इसके पंचांग का रस पिलाने से सांप के विष में लाभ होता है।
  2. इसकी जड़ को जल में घिसकर लेप करने से बिच्छू का जहर उतर जाता है
  3. इसके और नीम के पत्तों को पीसकर कनपटी पर लेप करने से नाक से बहता हुआ खून तुरन्त बन्द हो जाता है।
  4. इसका साग खिलाने से पथरी भी गल जाती है।
  5. इसकी जड़ को पीसकर बन्द फोड़े पर बांधने से वह पककर, जल्दी ठीक हो जाता है।
  6. इसके पत्तों को जल के साथ पीसकर लेप करने से मकड़ी का जहर दूर होता है।
  7. शहद के साथ इसका अवलेह बनाकर चटाने से रक्तपित्त मिट जाता है।

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