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आमाहल्दी (Mango Jinger) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण

आमाहल्दी (Mango Jinger) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण
आमाहल्दी (Mango Jinger) की उपयोगिता एवं औषधीय गुण

आमाहल्दी (Mango Jinger)

प्रचलित नाम- आम्रगंधा, हरिद्रा, आमाहल्दी, आंबाहल्दी ।

प्रयोज्य अंग- मूल तथा मूल स्तंभ ।

स्वरूप- गुल्म, बड़ा मूल-कांड जो अंदर से पीतवर्णी, आम जैसी सुगंध वाला होता है, पुष्प हल्के वेत रंग के होते हैं।

स्वाद- तिक्त-मधुर ।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

शीतल, वातानुलोमक, सुगंधित, उद्दीपन, ग्राही, रुचिकर। चर्मरोग में, मधुमेह, खाज-खुजली, रक्त में स का प्रमाण घटाने हेतु । जीर्णव्रण, कास, श्वास रोग, ज्वर, आंत्र शूल, मुखगत व्रण, रक्त शोधक है। यह औषधि खाज खुजली में उपयोगी है। इस हल्दी को काली जीरी के साथ पीसकर रोगग्रस्त (खाज-खुजली) भाग पर लगाने से लाभ होता है।

इस हल्दी को काले नमक के साथ पीसकर गरम पानी के साथ सेवन से कृमि नष्ट होते हैं। शरीर के किसी भी अंग में चोट लगने से रक्त जम जाये या दर्द हो या सूजन हो जाये तो आमाहल्दी को जल में पीसकर थोड़ा गरम कर शूलयुक्त अंग पर लगाने से उपर्युक्त सभी तकलीफें दूर हो जाती हैं।

मधुमेह के रोग में उपयोगी- इसके चूर्ण में भी हल्दी मिलाई जाती है। फोड़े-फुन्सियों पर आमाहल्दी को गोमूत्र में घिसकर लेप करने से लाभ होता है। आंबा हल्दी को ग्वारपाठा के गूदे पर डालकर कुछ गरम करके बांधने से सूजन दूर होती है।

मात्रा- चूर्ण 1 से 3 ग्राम ।

स्वरस – 10 से 20 ग्राम ।

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