जड़ी-बूटी

कंगनी (Seteria Italica) के फायदे एवं औषधीय गुण 

कंगनी (Seteria Italica) के फायदे एवं औषधीय गुण 
कंगनी (Seteria Italica) के फायदे एवं औषधीय गुण 

कंगनी (Seteria Italica)

प्रचलित नाम- कंगनी, कंकनी ।

उपलब्ध स्थान- यह पौधा पूरे भारत में पाया जाता है।

परिचय- यह महीन अन्न की श्रेणी में आता है। दूसरे अनाज का छिलका पतला होता है, मगर कंगु का छिलका मोटा, लाल, पीला और काले रंग का होता है। इसका भात वगैरह बनता है। अगर खाद्य रूप में आटा बनाना हो तो इनको भून लेना ‘चाहिए। कंगु का पौधा दो-ढाई हाथ ऊंचा रहता है और इसमें बाजरे की बाली सरीखी लम्बी फली लगती है

उपयोगिता एवं औषधीय गुण 

यह वनस्पति मीठी, तीखी, मज्जावर्धक और कामोद्दीपक है। यह गर्भवती के गर्भाशय को शान्ति देने वाली होती है। अस्थिभाग को पूरने में यह बड़ी उपयोगी होती है। यह टूटी हुई अस्थि को जोड़ने चाली, वातकारक, पौष्टिक, भारी, कफनाशक और फोड़ों के लिए अधिक उपकारी है। कंगनी काली, लाल, सफेद और पीली के भेद से 4 प्रकार की होती है। इनमें पीली कंगनी उत्तम मानी जाती है। इसके दानों (बीजों) को औषधि रूप में प्रयोग करते हैं। बीज को घिसकर पीने तथा लगाने के काम में लाते हैं।

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