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कजापुति (Melaleuca Leucadendron) के फायदे एंव औषधीय गुण

कजापुति (Melaleuca Leucadendron) के फायदे एंव औषधीय गुण
कजापुति (Melaleuca Leucadendron) के फायदे एंव औषधीय गुण

कजापुति (Melaleuca Leucadendron)

प्रचलित नाम- कजापुति ।

उपलब्ध स्थान- यह औषधि मलाया प्रायद्वीप, कम्बोडिया और बोर्नियों में उत्पन्न होती है। कभी-कभी भारत में बगीचों में बोई जाती है।

परिचय- इसका वृक्ष मध्यम आकार का होता है। इसकी छाल कागज के ढंग की होती है। इसके पत्ते नुकीले होते हैं, इसमें मंजरियां लगती हैं और उन पर फल लगते हैं।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

1. कजापुति को तेज अतिसार रोग में उत्तेजक और आक्षेप निवारक माना गया है। यह विसर्पिका और खुजली रोग में बड़ी लाभकारी है। विसर्पिका और खुजली रोग में इसके पत्तों को कूटकर उसका सत्व प्रयोग करें। इस सत्व की पांच-सात बूंदें पीने से उदर रोगों में फायदा होता है।

2. कजापुति का तेल एक तरह का सुगन्धित और निर्मल पदार्थ है। इसका रंग हरा, नीला होता है। गठिया और मज्जा की पीड़ा में यह लगाने के तौर पर काम में लिया जाता है। वायु नलियों के प्रदाह में व फुफ्फुस की बीमारी में भी यह प्रयोग में लिया जाता है। पसलियों के बीच में स्नायु और पेशियों की तेज वेदना पर और फुफ्फुसावरण के प्रदाह पर लगाने के प्रयोग में लिया जाता है। जोड़ों के पुराने प्रदाह में भी इसका प्रयोग किया जाता है। उपरोक्त सभी रोगों में इसका उपयोग अति उपयोगी माना गया है। खुजली तथा विसर्पिका रोगों में भी यह बड़ा लाभकारी होता है।

3. यह एक उत्तेजक पदार्थ है। यह पेट के अफारे को दूर करने वाला तथा आक्षेप निवारक होता है। उदर रोगों में और अंतड़ियों के विकार में यह खास प्रकार से आक्षेप निवारक माना जाता है। यह कभी-कभी आमवात में भी प्रयोग में लिया जाता है।

4. अंतड़ियों के आक्षेप से पैदा उदर शूल में इसका रस बीस बूंद की मात्रा में देने से फायदा होता है।

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