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कुश के फायदे | Demostachya Bipinnata in Hindi

कुश (Demostachya Bipinnata)

प्रचलित नाम – कुश, डाभ, दबोलि ।

उपलब्ध स्थान – यह एक तरह की घास है, जो खेतों में पैदा होती है।

परिचय – हिन्दू धर्म में इसे एक पावन स्थान प्राप्त है।

गुण एवं मात्रा – आयुर्वेदिक मत से इसकी जड़ मीठी और शीतल होती है। यह प्यास, श्वांस, पीलिया तथा रक्त रोगों में लाभ देने वाली होती है। यह वनस्पति मीठी, कसैली, शीतल, कामोद्दीपक और मूत्रल होती है। यह स्निग्ध भी है। यह रक्त विकार, पित्त, दमा, तृषा और मूत्रकृच्छ्र रोग में लाभकारी है। पीलिया, मूत्राशय के रोग, विस्फोटक और वमन में भी फायदेमंद है। यह गर्भवती स्त्री के गर्भाशय को शान्ति पहुंचाता है।

  1. कुश की जड़ का करके पिलाने से आमातिसार मिट जाता है।
  2. उपरोक्त क्वाथ में रसोत गलाकर, छानकर पिलाने से रक्त प्रदर समाप्त हो जाता है।
  3. इसकी और गैल (एक औषधि) की जड़ को चावलों के जल के साथ पीसकर पिलाने से रक्त प्रदर मिट जाता है।
  4. इसमें कुछ घी मिलाकर उसका धुआँ पिलाने से हिचकी खत्म हो जाती है।
  5. इसकी जड़ को चावलों के जल के साथ पीसकर तीन रोज तक पिलाने से प्रदर मिटता है।

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