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खसरा रोग के घरेलू उपाय | Khasra hone par kya kare in hindi

खसरा रोग के घरेलू उपाय
खसरा रोग के घरेलू उपाय

खसरा रोग के घरेलू उपाय

यह बालकों को होने वाला छूत का रोग है। एक बालक से दूसरे बालक तक तेजी से फैलता है। इसका कारण एक प्रकार का वायरस माना गया है, जो श्वास क्रिया द्वारा एक से दूसरे तक फैलता है। इसके प्रमुख लक्षणों में बालक को छींकें, नाक बहना, आँखें लाल, लगातार खस खस की आवाज से सूखी तेज खाँसी होती है। लगातार खाँसी से बालक खाँसता रहता है। ज्वर 103-104 तक पहुँच जाता है। ज्वर आरम्भ होने के तीसरे दिन से चेहरे, छाती पर लाल दाने दिखाई देने लगते हैं। दाने निकल चुकने के बाद जैसे-जैसे दाने समाप्त होने लगते हैं, ज्वर, खाँसी भी कम होने लगती है। खसरे में कभी-कभी निमोनिया भी हो जाता है। रोगग्रस्त बच्चे के सम्पर्क में अन्य बच्चों को नहीं आने देना चाहिए।

लौंग- खसरा निकलने पर लौंग को घिसकर शहद के साथ देने से खसरा ठीक हो जाता है। यह प्रयोग अनुभूत है।

आँवला—खसरा निकलने के बाद शरीर में जलन, खुजली हो तो सूखे आँवलों को पानी में उबालकर ठण्डा होने पर इससे नित्य शरीर धोयें। खसरे की खुजली, जलन दूर हो जायेगी।

मक्खन- बोदरी माता से शरीर में गर्मी हो तो मक्खन और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर दो चम्मच प्रात: नित्य चाटें।

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