जड़ी-बूटी

गुलाब के फायदे एंव औषधीय गुण | Benefits and medicinal properties of Roses in Hindi

गुलाब के फायदे एंव औषधीय गुण | Benefits and medicinal properties of Roses in Hindi
गुलाब के फायदे एंव औषधीय गुण | Benefits and medicinal properties of Roses in Hindi

गुलाब (Rose)

प्रचलित नाम- शतपत्री।

उपयोगी अंग- पुष्प

परिचय- यह पौधा एक उन्नत बहुवर्षीय, चिर स्थायी गुल्म होता है, जो लगभग सवा मीटर ऊंचा होता है। शाखाओं पर वृहद् हुक जैसे कांटे होते हैं। पत्ते संयुक्त पक्षवत्। पत्रिका पांच। पुष्प सुगंधित, विविध वर्णी, अनेक पंखुड़ियों में नरकेसर और मादाकेसर युक्त होते हैं।

उपयोगिता एवं औषधीय गुण

सुगंधित, रुचिकर, ग्राही, बल्य, पाचन । इसमें समान मात्रा में शर्करा मिलाकर, पीसकर चूर्ण बना लें, रात को (8-10 ग्राम) पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है। रोज रात को एक कप जल में गुलाब की पंखुड़ियों के साथ काली किशमिश भिगोकर रखें, सुबह इसमें थोड़ी शर्करा मिलाकर, इसको मसलकर पी जाने से लाभ होता है। गुलाब अपनी ताजगी और सुगन्ध के गुण की वजह से शीतल और बल्यकारी होता है। मूर्छा में गुलाबजल में थोड़ी रूई को भिगोकर नाक, आंखों तथा मुख पर लगाने से हृदय शक्तिवर्धक होता है।

चर्मरोगों में, संताप, पनासिका में लाभकारी। इसके पुष्प की पंखुड़ियों तथा शर्करा (समभाग) से गुलकंद नती है, जो ग्राही एवं हृदयबल्य होता है।

इसकी पंखुड़ियों से बनाया गया गुलाबजल औषध है। गुलाब कलियाँ हृदयबल्य वर्धक, कफनिःसारक, मृदुरेचक, बुखार में शीतलता लाती हैं। इससे हृदय की धड़कन कम होती है। गुलाबजल नेत्र बिंद में प्रयोग किया जाता है। गुलकंद के सेवन से दिल की धड़कन नियंत्रित होती है तथा कब्ज एवं शौच साफ होकर भूख बढ़ जाती है। शरीर पुष्ट होता है। विबंध में गुलाब की पंखुड़ियों को शर्करा में मिलाकर चबाकर खाने से फायदा होता है।

गुलाब की पंखुड़ियों को सुखाकर इस्तेमाल करने से मूर्छा दूर हो जाती है। चर्मरोग में गुलाब की पंखुड़ियों तथा कोमल पत्तों को पीसकर, उसका रस (दो चम्मच) सुबह व शाम सेवन करें तथा चर्मरोग पर लगाने से लाभ होता है।

मात्रा- गुलकंद 2 ग्राम, चूर्ण एक ग्राम, अर्क 2 से 4 ग्राम।

इसे भी पढ़ें…

About the author

admin

Leave a Comment